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फिलीपींस पर क्यों हमलावर है चीन, क्या अमेरिका करेगा अपने दोस्त की मदद

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फिलीपींस और चीन के बीच बढ़ते तनाव ने यह सवाल उठाया है कि क्या अमेरिका अपने सहयोगी को चीनी आक्रमण से बचाने के लिए तैयार है, विशेष रूप से प्रशांत महासागर के विवादित क्षेत्रों में. दरअसल इसमें अमेरिका द्वारा इस दोस्त देश को बचाने की बात इसलिए कही जा रही है क्योंकि अमेरिका और फिलीपींस के बीच एक पारस्परिक रक्षा संधि है.

अमेरिका और फिलीपींस के बीच ये आपसी रक्षा संधि पहली बार 1951 में हुई थी. तब ये ये चली आ रही है, जिसके तहत प्रशांत क्षेत्र में सशस्त्र हमले की स्थिति में दोनों देशों को एक साथ खड़े होने की बाध्यता है. हालांकि इसमें कभी ये स्पष्ट नहीं रहा कि दक्षिण चीन सागर में विवादित चट्टानें और क्षेत्र इस समझौते में शामिल हैं या नहीं, या क्या वाशिंगटन फिलीपींस को लेकर चीन के साथ युद्ध करने को तैयार है, खासकर तब जब अमेरिकी सेना पहले से ही ताइवान को लेकर चीनी सेना के साथ संभावित युद्ध की तैयारी कर रही है.

सवाल – क्या अगर चीन भविष्य में फिलीपींस पर कोई आक्रमण करेगा तो अमेरिका बचाव करेगा?
– करीब 73 साल पहले हुई संधि ये कहती है कि फिलीपींस पर कोई भी आक्रमण होने की स्थिति में अमेरिका उसकी रक्षा के लिए आगे आएगा. तीन महीने पहले जुलाई में अमेरिकी विदेश मंत्री एंटली ब्लिंकन ने मनीला की यात्रा की. तब भी उन्होंने इस बात पर जोर दिया था कि अमेरिका अपनी संधि संबंधी बाध्यताओं को कायम रखेगा.
तब उन्होंने कहा , “इसमें दक्षिण चीन सागर सहित प्रशांत क्षेत्र में कहीं भी फिलीपीन सशस्त्र बलों, सार्वजनिक जहाजों या विमानों – तट रक्षक सहित – पर सशस्त्र हमले शामिल हैं.”
फिलीपींस और चीन के बीच तनाव पर करीबी नजर रखने वाले विशेषज्ञ भी कहते हैं कि ट्रंप प्रशासन के बाद से ही अमेरिका इस बात को लेकर स्पष्ट रहा है कि जरूरत पड़ने पर वह अपने सहयोगी की रक्षा करेगा.

सवाल – फिलीपींस के साथ चीन का तनाव अचानक क्यों बढ़ गया है?
– फिलीपींस और चीन के बीच तनाव का मुख्य कारण साउथ चाइना सागर में उत्पन्न क्षेत्रीय विवाद हैं, जो विशेष रूप से समुद्री क्षेत्रों और संसाधनों पर अधिकारों से संबंधित हैं. चीन दक्षिण चीन सागर के पूरे हिस्से पर दावा करता है, जिसमें फिलीपींस के अनन्य आर्थिक क्षेत्र (EEZ) के भीतर के क्षेत्र, जैसे स्कारबोरो शोल और सेकंड थॉमस शोल शामिल हैं. फिलीपींस अंतरराष्ट्रीय कानून, विशेष रूप से समुद्र के कानूनों के आधार पर अपने अधिकारों का दावा करता है.

सवाल – क्या ये तनाव इतना बढ़ गया है कि चीन फिलीपींस के विवादित इलाकों पर आक्रमण कर सकता है?
– चीन ने ये काम 12 साल पहले किया ही है. इस बार भी हालात तनावपूर्ण हैं लेकिन चीन वाकई आक्रमण की स्थिति आने देगा, उसे लेकर लोगों में संशय है लेकिन चीन इस विवाद को यूं ही बढ़ाता जरूर रहेगा ताकि इन जगहों पर उसका दावा बना रहे

सवाल – तो क्या चीन तनाव बढ़ाता रहेगा और छिटपुट कार्रवाइयां करता रहेगा?
– हां ऐसा ही लगता है. लेकिन चीन मुश्किलें बढ़ाता रहेगा. हाल के महीनों में चीनी नौकाओं पर फिलीपीन जहाजों को टक्कर मारने और फिलीपीनी नाविकों पर पानी की बौछारें डालने की घटनाएं हुई हैं. फिलीपींस के राष्ट्रपति फर्डिनेंड मार्कोस जूनियर ने इस वर्ष की शुरुआत में ब्लूमबर्ग को दिए एक साक्षात्कार में कहा था कि चीन से खतरा बढ़ रहा है. उन्होंने कहा, “चूंकि खतरा बढ़ गया है, इसलिए हमें अपने क्षेत्र की रक्षा के लिए और अधिक प्रयास करना होगा.”