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डिजिटली भेजे जाएं प्रश्न पत्र, OMR शीट पर हो परीक्षा, समिति ने दिए पेपर लीक रोकने के ये सुझाव

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नीट, जेईई और सीयूईटी जैसी परीक्षाओं के पेपर लीक रोकने के लिए गठित 7 सदस्यीय समिति ने कई अहम सुझाव दिए हैं. इस समिति की अध्यक्षता इसरो के पूर्व प्रमुख डॉ. के राधाकृष्णन कर रहे हैं. समिति ने अपनी सिफारिश में कहा है कि जहां तक संभव हो, प्रवेश परीक्षाएं ऑनलाइन या हाइब्रिड मोड में आयोजित की जानी चाहिए. समिति ने मेडिकल की प्रवेश परीक्षा को एक से अधिक स्टेज में आयोजित करने के साथ सीयूईटी के तहत विषयों के चयन को तर्कसंगत बनाने और इन सिफारिशों को लागू करने के लिए एनटीए को अधिक स्थायी कर्मचारियों की नियुक्ति की सलाह दी है.

सदस्यीय समिति का गठन नीट यूजी 2024 के पेपर लीक के बाद किया गया था. जिसने देश भर में हंगामा मचा दिया था. इस बवाल के बाद सरकार ने समिति को डेटा सुरक्षा प्रोटोकॉल मजबूत करने, परीक्षा प्रक्रिया में सुधार करने और नेशनल टेस्टिंग एजेंसी की संरचना और संचालन की समीक्षा करके सुधारों का सुझाव देने का काम सौंपा था. इस समिति ने हाल ही में शिक्षा मंत्रालय को अपनी रिपोर्ट सौंपी है.

प्रवेश परीक्षाओं पर हो अधिक सरकारी नियंत्रण

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, समिति ने अपनी सिफारिशों को सिर्फ नीट में सुधारों तक ही सीमित नहीं रखा है. बल्कि, इसने केंद्र द्वारा आयोजित सभी प्रवेश परीक्षाओं को सुरक्षित करने के लिए दीर्घकालिक उपायों का प्रस्ताव दिया है. समिति की सिफारिशों से मोटे तौर पर समझा जा सकता है कि इसने परीक्षा प्रशासन पर अधिक सरकारी नियंत्रण की वकालत की है. जिममें परीक्षाएं आयोजित करने वाली एजेंसियों को आउटसोर्सिंग की बजाए स्थायी कर्मचारी रखने और स्वयं के परीक्षा केंद्रों की संख्या बढ़ाने जैसे उपाय शामिल हैं.

अभी एनटीए परीक्षाओं का आयोजन आमतौर पर सरकारी स्कूलों और कॉलेजों में आयोजित करता है. जब ये जगहें अपर्याप्त होती हैं, तो एजेंसी एआईसीटीई से मान्यता प्राप्त संस्थानों में परीक्षाएं आयोजित करती है. इसके बावजूद भी यदि जरूरत पड़ती है, तो एजेंसी परीक्षा के ऑनलाइन संचालन में सहायता करने वाली एजेंसियों या निजी केंद्रों को शामिल करती है. पैनल ने इन निजी केंद्रों के इस्तेमाल को हतोत्साहित किया है.

हाईब्रिड मोड में परीक्षा की सिफारिश

पैनल ने परीक्षाओं का आयोजन जहां तक हो सके, ऑनलाइन कराने की सिफारिश की है. यदि यह संभव न हो सके, तो आयोजन हाईब्रिड मोड में किया जाए. जिसमें प्रश्न पत्र परीक्षा केंद्र पर डिजिटली भेजे जाएंगे. लेकिन उम्मीदवार परीक्षा ओएमआर शीट पर देंगे. इससे प्रश्न पत्र परीक्षा शुरू होने के काफी करीब समय में जारी किए जा सकेंगे. इस तरह प्रश्न पत्र प्रिंटिंग प्रेस में भेजने, फिर बैंक के स्ट्रांग रूम में संग्रहित करने और अंत में परीक्षा केंद्र को सौंपने की जरूरत समाप्त हो जाएगी.

समिति ने पर CUET भी दिए सुझाव

समिति ने सीयूईटी यूजी परीक्षा पर भी सुझाव दिए हैं. समिति ने उम्मीदवारों के लिए विषयों के चयन को समिति करने का सुझाव दिया है. अभी सीयूईटी यूजी परीक्षा में 50 से अधिक विषय हैं,समिति का कहना है कि विषयों की भूमिका मुख्यतौर पर सिर्फ पात्रता निर्धारित करने के लिए होनी चाहिए. जबकि सीयूईटी को कॉलेज प्रवेश के लिए मेरिट सूची तैयार करने के लिए सामान्य योग्यता और कुछ विषय ज्ञान का आकलन करना चाहिए.