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क्‍यों क्रेडिट कार्ड बांटने में कंजूसी कर रहे हैं बैंक? इन आंकड़ों से सबके खड़े हुए कान

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क्रेडिट कार्ड देने में अब बैंक ‘कंजूसी’ करने लगे हैं. इसका कारण क्रेडिट कार्ड की देनदारियों में बढ़ती चूक (Credit Card Default) है. भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के आंकड़ों के मुताबिक, सितंबर में बैंकों ने 6.2 लाख नए क्रेडिट कार्ड जारी किए जबकि अगस्त में 9.2 लाख क्रेडिट कार्ड बांटे गए थे. इस तरह एक महीने के भीतर करीब एक तिहाई की गिरावट आई है. पिछले साल की तुलना में बैंकों ने 64% कम नए क्रेडिट कार्ड जारी किए. नए आंकड़ों के साथ, कुल क्रेडिट कार्ड संख्या अब देश में 10.6 करोड़ हो गई है.

विशेषज्ञों का मानना है कि असुरक्षित ऋण क्षेत्र में बढ़ते जोखिमों के कारण बैंक अब सतर्कता बरत रहे हैं, जिससे नए कार्ड जारी करने की गति और धीमी हो सकती है. क्रेडिट कार्ड खर्च में मासिक आधार पर 4.7% और वार्षिक आधार पर 23.8% की वृद्धि दर्ज की गई. विशेषज्ञों के मुताबिक, युवा मिलेनियल्स क्रेडिट कार्ड की पूरी सीमा का उपयोग कर बकाया नहीं चुका रहे हैं, जिससे उनके खाते गैर-निष्पादित संपत्ति (NPA) में बदल रहे हैं.

किस बैंक ने जारी किए कितने कार्ड
एक रिपोर्ट के मुताबिक, IDBI कैपिटल के विश्लेषक बंटी चावला का कहना है कि नए कार्ड जारी करने में एचडीएफसी बैंक और एसबीआई कार्ड्स अग्रणी रहे हैं. लेकिन बढ़ती चूक दरों और भारतीय रिजर्व बैंक के जोखिम भार नियमों को सख्‍त करने के कारण नए कार्ड जारी करने की संख्या घटने की संभावना है. सितंबर में HDFC बैंक ने 4.3 लाख नए कार्ड जारी किए, जबकि SBI कार्ड्स ने 1.4 लाख और एक्सिस बैंक ने 53,000 नए कार्ड जोड़े. वहीं, आईसीआईसीआई बैंक ने केवल 4,000 नए कार्ड जारी किए.

6 फीसदी तक पहुंच सकती है डिफॉल्‍ट दर
मैक्वेरी कैपिटल की रिपोर्ट के अनुसार, बैंकों के क्रेडिट कार्ड पोर्टफोलियो में डिफॉल्ट दरें 6% तक पहुंच सकती हैं, जो हाल के वर्षों में सबसे अधिक हैं. मैक्वेरी कैपिटल के वित्तीय सेवा शोध प्रमुख सुरेश गणपति का कहना है कि मध्यम वर्ग में डिफॉल्ट बढ़ रहा है. इसका कारण यह है कि अब व्यक्तिगत ऋण लेकर क्रेडिट कार्ड की देनदारी चुकाने का विकल्प सीमित हो गया है.