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HDFC ने ग्राहकों को दिया झटका, बढ़ा दी कर्ज की ब्याज दरें

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प्राइवेट सेक्टर के अग्रणी बैंक, HDFC बैंक ने कुछ अवधि की मार्जिनल कॉस्ट ऑफ फंड्स-बेस्ड लेंडिंग रेट (MCLR) दरों में संशोधन किया है. नई दरें 7 नवंबर 2024 से प्रभावी हो गई हैं. बैंक ने ओवरनाइट MCLR दर को 9.15% और एक महीने की MCLR दर को 9.20% तक बढ़ा दिया है. हालांकि, एक साल की MCLR दर, जो ऑटो और पर्सनल लोन के लिए प्रमुख मानक है, 9.45% पर स्थिर रखी गई है.

SBI की एक साल की MCLR दर 8.55% पर है जबकि ICICI बैंक की एक साल की दर 9.10% और पंजाब नेशनल बैंक (PNB) की 9.20% है. बैंक ऑफ बड़ौदा (BoB) भी 8.70% एक साल की दर पर काम कर रहा है. HDFC की तुलना में अन्य प्रमुख बैंक अपने उपभोक्ताओं को थोड़ी कम दर पर लोन उपलब्ध कराते हैं, लेकिन HDFC के ग्राहकों के लिए यह बदलाव EMI में वृद्धि ला सकता है.

RBI की नीतियों का प्रभाव
यह वृद्धि भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के ब्याज दरों को स्थिर रखने के बावजूद की गई है, क्योंकि HDFC जैसे बैंक अपनी लागतों और बाजार के हालात के आधार पर समय-समय पर MCLR में बदलाव करते हैं.

क्या है MCLR
MCLR, या Marginal Cost of Funds-Based Lending Rate, बैंकों द्वारा निर्धारित वह न्यूनतम ब्याज दर है जिस पर वे लोन देते हैं. इसे 2016 में भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा लागू किया गया, ताकि लोन दरें अधिक पारदर्शी हों और बाज़ार में हो रहे बदलावों के अनुसार जल्दी से एडजस्ट हो सकें. MCLR का निर्धारण बैंकों की फंडिंग लागत, ऑपरेटिंग लागत और कैश रिजर्व जैसे कारकों के आधार पर होता है. इस दर के ज़रिए बैंकों के लोन की ब्याज दरें रेपो रेट और अन्य आर्थिक परिवर्तनों से प्रभावित होती हैं.