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शेयर बाजार के अब उड़े हुए हैं तोते, रोक दें SIP या चालू रखें? लाख टके के इस सवाल का यह रहा जवाब

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भारतीय शेयर बाजार इस समय मंदी की गिरफ्त में है. प्रमुख बाजार सूचकांकों में 10% से अधिक की गिरावट ने खुदरा निवेशकों को के माथे पर चिंता की लकीरें ला दी हैं. निफ्टी अपने रिकॉर्ड उच्च स्तर 26,277 से 10% से अधिक गिर चुका है, जबकि सेंसेक्स भी अपने शिखर से 8,500 अंक नीचे आ चुका है. बाजार में आई इस गिरावट के बाद रिटेल इनवेस्‍टर दुविधा में हैं. भारत में अब म्‍यूचुअल फंड के जरिए शेयर बाजार में पैसा लगाने का ट्रेंड बढ़ा है. सिस्‍टेमेटिक इनवेस्‍टमेंट प्‍लान (SIP) के जरिए बाजार में निवेश करने वाले लोग अब इस ऊहापोह में फंसे की गिरावट के इस दौर में एसआईपी जारी रखें या फिर रोक दें.

बाजार एनालिस्‍ट्स का कहना है कि SIP निवेशकों को बाजार की वर्तमान गिरावट से घबराना नहीं चाहिए. बाजार गिरावट के बीच उन्‍हें निवेश जारी रखना चाहिए. इस समय निवेश बढ़ाना भी एक समझदारी भरा कदम हो सकता है. बाजार गिरावट के दौरान SIP निवेशक जब यूनिट्स खरीदते हैं, तो उनकी औसत लागत घट जाती है, जिससे भविष्य में तेजी के दौरान अधिक लाभ की संभावना बढ़ जाती है.

SIP रोकने की गलती न करें
लाइव मिंट की एक रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली के चार्टर्ड अकाउंटेंट और वित्तीय सलाहकार दीपक अग्रवाल कहते हैं, “SIP रोकने के बजाय, निवेशकों को बाजार में गिरावट का लाभ उठाना चाहिए और इसे अधिक खरीदारी का अवसर बनाना चाहिए.” उनको कहना है की मार्केट करेक्‍शन को खरीदारी का अच्छा समय माना जाता है.

अपना धन फाइनेंशियल सर्विसेज की संस्थापक और सेबी-पंजीकृत निवेश सलाहकार प्रीति ज़ेंडे का मानना है कि इस समय एसआईपी रोकना मूर्खता होगी. वह कहती हैं, “चार साल की तेजी के बाद, बाजार अब सुधार के दौर में है. यह वास्तव में SIP जारी रखने और यदि संभव हो तो इसे थोड़ा बढ़ाने का समय है. एसआईपी रुपये-लागत औसत पद्धति पर काम करता है. इससे लंबे समय में निवेश कम अस्थिर होता है और निवेशकों को बेहतर रिटर्न मिलता है.”

बढ़ रही है SIP अकाउंट की संख्‍या
अक्टूबर 2024 में एसआईपी से म्‍यूचुअल फंड में निवेश ₹25,322.74 करोड़ के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गया, जो सितंबर 2024 में ₹24,508.73 करोड़ था. अक्टूबर 2023 में SIP योगदान ₹16,928 करोड़ था, जिससे यह स्पष्ट होता है कि एक वर्ष में इसमें 49.6% की वृद्धि हुई है. एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया के आंकड़ों के अनुसार, अक्टूबर 2024 में एसआईपी खातों की संख्या भी सर्वाधिक 10,12,34,212 रही, जो सितंबर 2024 में 9,87,44,171 थी.