को रिश्वत देने के मामले में एक अमेरिकी अदालत ने अडाणी ग्रुप को ना सिर्फ तगड़ा झटका दिया है बल्कि गौतम अडाणी और उनके भतीजे सागर अडाणी के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट भी जारी किया है. न्यूज एजेंसी रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार, गौतम अडाणी और उनके भतीजे सागर अडाणी के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किए गए, जब न्यूयॉर्क में एक ग्रैंड जूरी ने बुधवार को भारतीय बिजनेसमैन समेत 7 अन्य लोगों को 265 मिलियन डॉलर (लगभग 2,029 करोड़ रुपये) की रिश्वत लेने के आरोप में दोषी ठहराया. अमेरिकी अदालत ने अडाणी ग्रुप को भारत में सोलर एनर्जी प्रोजेक्ट हासिल करने के लिए रिश्वत देने के मामले में दोषी पाया. इसके साथ ही, यह भी कहा गया है कि इलेक्ट्रॉनिक सबूतों को नष्ट करके और न्याय विभाग, सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज कमीशन और एफबीआई को गुमराह करके न्याय में बाधा डालने की कोशिश की गई. इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, अदालत के इस फैसले के बाद अब गौतम अडाणी के खिलाफ अमेरिकी कानूनी व्यवस्था के तहत ‘अभियोग’ की प्रोसेस शुरू हो सकती है. आइये आपको बताते हैं इस मामले में आगे क्या होने की संभावना है
क्या है इंडिक्टमेंट (अभियोग)
अमेरिका में ब्लैक लॉ डिक्शनरी के अनुसार, “अभियोग (इंडिक्टमेंट) एक औपचारिक लिखित आरोप है जो चरण-दर-चरण प्रक्रिया के बाद अपराध के लिए आरोपी पक्ष के खिलाफ जारी किया जाता है.” अमेरिका में किसी कथित अपराध की जांच करने के बाद, पुलिस सबूतों को एक सरकारी अभियोजक – राज्य या संघीय सरकार का प्रतिनिधित्व करने वाला एक वकील, को सौंप देती है. यदि सरकारी वकील को लगता है कि कोई गंभीर अपराध किया गया है, तो वह ग्रैंड जूरी के चयन की पहल कर सकती है.
क्या है ग्रैंड जूरी पैनल
ग्रैंड जूरी एक पैनल है, जो मामले की सुनवाई करता है. इसमें अधिकतम 23 लोग शामिल हो सकते हैं, साक्ष्य सुनने के लिए न्यूनतम 16 जूरी सदस्यों को उपस्थित होना आवश्यक है. हालांकि, न्यूयॉर्क स्टेट (जहां अडाणी और उनके सहयोगियों पर आरोप लगाया गया है) के लिए आधिकारिक ग्रैंड ज्यूरी की हैंडबुक के अनुसार, “न्यूयॉर्क राज्य में, किसी व्यक्ति पर तब तक घोर अपराध का मुकदमा नहीं चलाया जा सकता जब तक कि वह व्यक्ति ग्रैंड जूरी द्वारा दोषी ठहराया गया हो.”