महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव रिजल्ट में कांग्रेस को जो करारा झटका लगा है. उसका असर अब INDIA गठबंधन पर भी दिखने लगा है. अब सवाल उठने लगे हैं कि क्या विपक्ष के नेता के रूप में राहुल गांधी के दिल अब लदने लगे हैं. पश्चिम बंगाल की सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस के नेताओं की ताजा मांग से इस सवाल को और बल मिला है. दरअसल टीएमसी से चार बार के लोकसभा सांसद कल्याण बनर्जी ने मांग उठाई कि कांग्रेस को अब पीछे हट जाना चाहिए और ममता बनर्जी को विपक्षी गठबंधन की कमान अपने हाथों में ले लेनी चाहिए.
कल्याण बनर्जी की इस मांग का पार्टी के दूसरे सीनियर नेताओं ने भी समर्थन किया है. उनकी इस मांग की गंभीरता का इस बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि संसद के शीतकालीन सत्र से पहले कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने आज विपक्षी दलों की बैठक बुलाई थी, लेकिन इसमें टीएमसी से कोई शामिल नहीं हुआ.
विपक्षी दलों की जुनियर पार्टनर रह गई कांग्रेस!
इस विपक्षी इंडिया गठबंधन में कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस के अलावा समाजवादी पार्टी, झारखंड मुक्ति मोर्चा, नेशनल कॉन्फ्रेंस, पीडीपी, आरजेडी, शिवसेना, एनसीपी (शरद पवार), डीएमके जैसी पार्टियां शामिल हैं. इसमें झारंखड चुनाव में जेएमएम, जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव में नेशनल कॉन्फ्रेंस और तमिलनाडु में डीएमके ने शानदार प्रदर्शन किया था. हालांकि इनकी जीत में कांग्रेस का रोल न के बराबर दिखा. जम्मू-कश्मीर सरकार में कांग्रेस को जहां कोई मंत्री पद नहीं मिला. वहीं झारखंड में पार्टी अब कैबिनेट पोस्ट को लेकर तोल-मोल में लगी है. हालांकि यहां भी उसे कोई बड़ा पोर्टफोलियो मिलने की उम्मीद नहीं दिख रही.
महाराष्ट्र-झारखंड रिजल्ट से कांग्रेस पर सवाल
दरअसल कांग्रेस ने महाराष्ट्र चुनाव में अपना सबसे खराब प्रदर्शन करते हुए हार का सिलसिला जारी रखा और झारखंड में सत्तारूढ़ जेएमएम के जूनियर पार्टनर के रूप में समाप्त हो गई, जिससे विपक्षी ब्लॉक में उसकी भूमिका और भी कम हो गई क्योंकि अन्य सहयोगी बेहतर प्रदर्शन कर रहे हैं. दूसरी ओर, टीएमसी की हालिया उपचुनाव जीत ने बीजेपी को हराकर पश्चिम बंगाल में पार्टी के प्रभुत्व को मजबूत किया है.