डिजिटल जमाने में आजकल तरह-तरह से लोगों के साथ धोखाधड़ी की जा रही है. कभी वॉट्सऐप कॉल तो कभी ईमेल के जरिए यूजर्स को फंसाया जा रहा है. इसी कड़ी में विदेशों में बैठे धोखेबाज इंटरनेशनल कॉल के जरिए लोगों को चूना लगाने की कोशिश कर रहे हैं. पिछले कुछ जिनों में ऐसे मामले बढ़े हैं, इसे लेकर केंद्र सरकार ने दूरसंचार ग्राहकों को अनजान अंतरराष्ट्रीय कॉल के प्रति अलर्ट किया है. दूरसंचार विभाग (DoT) ने एक आधिकारिक बयान में बताया कि मोबाइल सर्विस प्रोवाइडर से अपने ग्राहकों की जागरूकता के लिए ऐसी कॉल को टैग करने के लिए कहा गया है.
विभाग ने कहा कि 22 अक्टूबर को ‘अंतरराष्ट्रीय इनकमिंग फर्जी कॉल रोकथाम प्रणाली’ शुरू करने के 24 घंटे के भीतर लगभग 1.35 करोड़ या टेम्पर्ड भारतीय फोन नंबरों से आने वाली सभी अंतरराष्ट्रीय कॉल में से 90 प्रतिशत को धोखा देने वाली कॉल के रूप में पहचाना गया.
दूरसंचार विभाग ने दिया ये खास निर्देश
दूरसंचार सेवा प्रदाताओं (टीएसपी) ने उन्हें भारतीय दूरसंचार ग्राहकों तक पहुंचने से रोक दिया. आधिकारिक बयान में कहा गया कि इसके बाद धोखेबाजों ने अपनी रणनीति बदल दी है और वे अंतरराष्ट्रीय नंबर का इस्तेमाल कर रहे हैं.
बयान में कहा गया, ‘‘दूरसंचार विभाग नागरिकों को सलाह देता है कि उन्हें अनजान अंतरराष्ट्रीय नंबर से आने वाली कॉल का उत्तर देने में सावधानी बरतनी चाहिए, जो +91 से शुरू नहीं होते हैं और जो भारत के सरकारी विभाग से होने का दावा करते हैं.”
डिजिटल अरेस्ट पर भी जारी की जा चुकी है चेतावनी
इससे पहले नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने ‘डिजिटल अरेस्ट’ को लेकर एडवाइजरी जारी की थी. आजकल डिजिटल अरेस्ट स्कैम के मामले काफी सामने आ रहे हैं. ऐसे मामले में वीडियो कॉल कर अपराधी, सरकारी जांच एजेंसी के अफसर बनकर लोगों को धमकाते हैं और पैसा देने को कहते हैं.
अगर आपके पास भी किसी पुलिस, सीबीआई या अन्य सरकारी अधिकारी से गंभीर अपराध करने और तत्काल कानूनी कार्रवाई करने के बारे में असामान्य कॉल आती हैं, तो ये डिजिटल अरेस्ट का मामला हो सकता है. सरकार साफ कर चुकी है कोई भी जांच एजेंसी फोन या वीडियो कॉल के जरिए इस तरह किसी व्यक्ति से पैसे की मांग या उन्हें परेशान नहीं करती है.