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महंगाई के घावों पर नमक रगड़ रहे ये सरकारी आंकड़े! 4 साल में सबसे कमजोर ग्रोथ रेट का अनुमान

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आम जनता को महंगाई का झटका लगा था. खुदरा महंगाई भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के दायरे की सीमा को पार कर अक्टूबर में 6.21 फीसदी पर पहुंच गई थी. महंगाई का घाव भरा नहीं था कि अब बजट से पहले अर्थव्यवस्था के मोर्चे पर अच्छी खबर नहीं है. दरअसल, सरकार ने मंगलवार को वित्त वर्ष 2024-25 के लिए पहले अग्रिम अनुमान जारी कर दिए हैं. इसके मुताबिक, चालू वित्त वर्ष 2024-25 में जीडीपी ग्रोथ में बीते 4 साल की सबसे बड़ी सुस्ती देखने को मिल सकती है. चालू वित्त वर्ष में देश की जीडीपी की ग्रोथ रेट 6.4 फीसदी रहने का अनुमान है. पिछले वित्त वर्ष 2023-24 में देश की अर्थव्यवस्था 8.2 फीसदी की दर से बढ़ी थी.

नेशनल स्टैटिकल ऑफिस यानी एनएसओ (NSO) ने चालू वित्त वर्ष के लिए राष्ट्रीय आय का पहला अग्रिम अनुमान जारी करते हुए कहा कि वास्तविक जीडीपी के इस वित्त वर्ष में 6.4 फीसदी की दर से बढ़ने का अनुमान है. वित्त वर्ष 2023-24 के लिए जीडीपी वृद्धि का अस्थायी अनुमान 8.2 फीसदी रहने की बात कही गई है.

भारतीय रिजर्व बैंक के अनुमान से कम है NSO का अनुमान
एनएसओ का चालू वित्त वर्ष के लिए जीडीपी ग्रोथ का अनुमान भारतीय रिजर्व बैंक के अनुमान से कम है. आरबीआई ने वित्त वर्ष 2024-25 में जीडीपी के 6.6 फीसदी की दर से बढ़ने का अनुमान जताया है.

4 साल के निचले स्तर पर आ सकती है GDP
वित्त वर्ष 2022 से सालाना ग्रोथ 7 फीसदी या उससे ऊपर ही बनी हुई है. वित्त वर्ष 2022 में 9.7 फीसदी, वित्त वर्ष 2023 में 7 फीसदी और वित्त वर्ष 2024 में 8.2 फीसदी की ग्रोथ दर्ज हुई थी. अनुमान के मुताबिक, बीते 4 साल में पहली बार जीडीपी ग्रोथ 7 फीसदी से नीचे आ सकती है.