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एस. जयशंकर की कूटनीति का कमाल, सबसे बड़े इस्लामिक मुल्क ने भी पाकिस्तान से कर लिया तौबा!

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अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत तेजी से एक प्रभावी शक्ति के रूप में उभर रहा है. विदेश मंत्री एस. जयशंकर के नेतृत्व में भारत की विदेश नीति का आधार एक मल्टी पोलर दुनिया है. इसमें भारत रूस, अमेरिका और चीन जैसी विरोधी शक्तियों के साथ अलग-अलग स्तर पर संबंध बनाने की रणनीति पर चल रहा है. भारत की विदेश नीति की एक और सबसे अहम चीज है मुस्लिम वर्ल्ड. भारत का अरब देशों के साथ-साथ दुनिया के करीब-करीब सभी बड़े मुस्लिम देशों के साथ बेहतर रिश्ता है. इसी क्रम में भारत अपने गणतंत्र दिवस समारोह में दुनिया के सबसे बड़े इस्लामिक मुल्क इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियांतो को मुख्य अतिथि बनाना चाहता है. रिपोर्ट के मुताबिक लेकिन इंडोनेशियाई राष्ट्रपति भारत से लौटने के बाद सीधे पाकिस्तान जाना चाहते थे. उनकी यह योजना भारत को पसंद नहीं आई. भारत की मौजूदा नीति किसी भी स्तर पर पाकिस्तान से बातचीत नहीं करने की है.

खैर, अब इंडोनेशियाई राष्ट्रपति का अक्ल ठिकाने आ गया है. रिपोर्ट के मुताबिक वह दिल्ली से सीधे पाकिस्तान नहीं जाएंगे. आधिकारिक सूत्रों के अनुसार भारत ने जकार्ता से यह अनुरोध किया है कि वे अपनी भारत यात्रा के बाद पाकिस्तान न जाएं. भारत ने कुछ माह पहले सुबियांतो को गणतंत्र दिवस परेड के लिए मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित किया था, लेकिन उनकी यात्रा की आधिकारिक घोषणा अभी तक नहीं की गई है.

पाकिस्तान जाने की चर्चा
इस महीने की शुरुआत में पाकिस्तान मीडिया में यह खबर आई थी कि प्रबोवो सुबियांतो 26 जनवरी को पाकिस्तान पहुंचेंगे और तीन दिन तक वहां रहेंगे. भारतीय अधिकारियों ने जकार्ता से इस मामले पर बातचीत की, क्योंकि भारत को यह मंजूर नहीं कि राष्ट्रपति सुबियांतो भारत से सीधे पाकिस्तान जाएं. भारत का कहना है कि विदेशी नेताओं से यह आग्रह किया जाता है कि वे अपनी यात्रा योजनाओं में भारत और पाकिस्तान को जोड़कर न चलें.

आधिकारिक सूत्रों के अनुसार इंडोनेशिया के राष्ट्रपति भारत से पाकिस्तान नहीं जाएंगे. शनिवार को कुछ रिपोर्ट्स आईं कि वे 26 जनवरी के बाद भारत से मलेशिया जा सकते हैं, लेकिन इस बारे में आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है. अभी तक जकार्ता से राष्ट्रपति की यात्रा योजना के बारे में कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है. यह भी स्पष्ट नहीं है कि अगर वे मलेशिया जाएंगे, तो क्या फिर वे पाकिस्तान का दौरा करेंगे या इस यात्रा को स्थगित कर देंगे.