प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बुधवार को भारतीय नौसेना के लिए दो युद्धपोतों और एक पनडुब्बी का जलावतरण करेंगे. इसके लिए वह मुंबई आ रहे हैं. वैसे तो उनका यह कार्यक्रम पूरी तरह नौसेना को समर्पित है लेकिन, मुंबई डॉक पर ही वह एक बड़ा राजनीतिक संदेश भी देने वाले हैं. दरअसल, पीएम ने इस कार्यक्रम के बाद डॉक पर ही महाराष्ट्र की अपनी महायुति सरकार के सभी विधायकों और उनको समर्थन देने वाले विधायकों को लंच के लिए आमंत्रित किया है. राज्य में स्थानीय निकाय चुनाव की पृष्ठभूमि में पीएम मोदी के इस लंच कार्यक्रम को काफी अहम माना जा रहा है. पीएम मुंबई के नेवल डॉकयार्ड में युद्धपोतों और पनडुब्बी को राष्ट्र को समर्पित करेंगे. इसके बाद वह नवी मुंबई के खारघर में इस्कॉन मंदिर का भी उद्घाटन करेंगे. युद्धपोतों आईएनएस सूरत, आईएनएस नीलगिरि और पनडुब्बी आईएनएस वाघशीर को प्रधानमंत्री मोदी सुबह करीब 10.30 बजे हरी झंडी दिखाएंगे.
महाराष्ट्र की महायुति सरकार के पास प्रचंड बहुमत है. राज्य की 288 सदस्यीय विधानसभा में महायुति के पास 238 विधायकों का समर्थन प्राप्त है. अकेले भाजपा के पास 132 विधायक हैं. फिर शिवसेना शिंद गुट के 57 और एनसीपी अजित गुट के पास 41 विधायक हैं. इस सरकार को छह अन्य निर्दलीय विधायकों ने भी समर्थन दिया है. लेकिन, इतनी प्रचंड बहुमत के बावजूद इस सरकार में खींचतान की बातें सामने आ रही है. एकनाथ शिंदे की शिवसेना और अजित पवार की एनसीपी कड़ा बार्गेनिंग कर रही है. ऐसे में थोड़े-थोड़े खटपट की बातें भी सामने आती रही है.
बीएमसी चुनाव के मद्देनजर काफी अहम
इस बीच राज्य में बीएमसी सहित स्थानीय निकाय चुनाव होने जा रहे हैं. खासकर बीएमसी का चुनाव काफी अहमियत रखता है. मौजूदा वक्त में बीएमसी में उद्धव ठाकरे की शिवसेना का कब्जा है. बीएमसी देश का सबसे अमीर निकाय है और इसका बजट कई बड़े राज्यों के बराबर या उससे अधिक है. ऐसे में भाजपा इस चुनाव काफी अहमियत दे रही है. इसमें सीट बंटवारे को लेकर महायुति में रार है. खुद सीएम देवेंद्र फडणवीस कह चुक हैं कि वह स्थानीय निकाय चुनाव अपने दम पर लड़ेगी.
पीएम मोदी बुधवार को मुंबई दौरे के दौरान महागठबंधन के विधायकों से बातचीत करेंगे. राज्य का सारा ध्यान इस बात पर है कि मोदी महायुति के विधायकों को क्या सौगात देंगे. राज्य में मुख्यमंत्री फडणवीस के नेतृत्व में महायुति सरकार बनने के बाद पीएम मोदी पहली बार मुंबई आ रहे हैं. नौसेना के कार्यक्रम के बाद नौसेना के आंग्रे ऑडिटोरियम में महायुति के विधायकों से बातचीत करेंगे. इस बैठक के लिए विधायकों को हॉल में मोबाइल फोन ले जाने पर रोक है. साथ ही विधायकों को विधान भवन क्षेत्र में इकट्ठा होने के लिए कहा गया है. वहां से विधायकों को बस से बैठक स्थल तक ले जाया जाएगा. विधायकों को निजी वाहनों से कार्यक्रम स्थल पर नहीं आने की सलाह दी गयी है. प्रधानमंत्री मोदी की इस बैठक की पृष्ठभूमि में खास तैयारियां की गई हैं.