हरियाणा के यमुनानगर जिले के खेड़ी लक्खा गांव में 26 दिसंबर 2024 को हुए ट्रिपल मर्डर केस में पुलिस अभी तक शार्प शूटरों की गिरफ्तारी तो दूर, उनकी पहचान भी नहीं कर पाई है. पुलिस ने केस से जुड़े 7 आरोपियों को पकड़ने के बाद अपनी पीठ थपथपाई है. यमुनानगर के एसपी राजीव देसवाल ने कहा कि यह ट्रिपल मर्डर एक ऑर्गेनाइज्ड क्राइम था. गिरफ्तार किए गए आरोपी एक-दूसरे को नहीं जानते थे.
दरअसल, 26 दिसंबर की सुबह खेड़ी लक्खा गांव में शार्प शूटरों ने 100 से ज्यादा राउंड फायरिंग कर तीन युवकों की हत्या कर दी थी, जिससे पूरे यमुनानगर में सनसनी फैल गई थी. शार्प शूटर दिनदहाड़े गोलियां बरसाने के बाद आसानी से फरार हो गए और पुलिस अभी तक उनकी पहचान तक नहीं कर पाई है. पुलिस ने ट्रिपल मर्डर से जुड़े सात आरोपियों को गिरफ्तार किया है, लेकिन उनसे वह जानकारी नहीं मिल पाई है जिससे शार्प शूटरों तक पहुंचा जा सके. इन सात आरोपियों में वे लोग शामिल हैं जिन्होंने हथियार या गाड़ी प्रोवाइड कराई थी या शूटरों की बाहर से मदद की थी. लेकिन सीसीटीवी में कैद हुए शार्प शूटरों तक पुलिस नहीं पहुंच पाई है.
एसपी राजीव देसवाल ने खेड़ी लक्खा चौकी के सभी पुलिसकर्मियों को टर्मिनेट कर दिया था, लेकिन इसके बावजूद शार्प शूटर गिरफ्तार नहीं हुए हैं. इस केस में यमुनानगर की CIA 1, CIA 2, स्पेशल सेल, रादौर थाना पुलिस, कुरुक्षेत्र और अंबाला पुलिस की कई टीमें लगी हुई हैं, लेकिन 22 दिन बीत जाने के बाद भी पुलिस के हाथ बड़ी सफलता नहीं लगी है.
चौकी के पास चली थी गोलियां
इस मामले में पुलिस चौकी से कुछ दूर ही 100 से अधिक गोलियां चली थी. इस दौरान पुलिस चौकी से बाहर नहीं निकली. जिम के बाहर तीन युवकों को गोलियां मार दी गई थी. दो युवकों की मौके पर ही मौत हो गई थी जबकि एक की अस्पताल में मौत हुई थी. अहम बात है कि लॉरेंस बिश्नोई गैंग का नाम भी इसमें आया था. मरने वाले शराब कारोबारी थे.