भारतीय रिजर्व बैंक ने डिजिटल तरीके से लोन बांटने वाली एक नॉन बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनी का रजिस्ट्रेशन कैंसिल कर दिया है. दरअसल, लोन ऑपरेशन में अनियमितता बरते जाने के चलते ईडी ने X10 फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड का पंजीकरण रद्द कर दिया है. मुंबई की यह कंपनी, वीकैश टेक्नोलॉजी, एक्सएनपी टेक्नोलॉजी, यारलुंग टेक्नोलॉजी, शिनरुई इंटरनेशनल, मैड-एलिफेंट नेटवर्क टेक्नोलॉजी और ह्यूडाटेक टेक्नोलॉजी सहित कई सर्विस प्रोवाइडर (मोबाइल ऐप) के माध्यम से लोन बांटने का काम करती थी.
रिजर्व बैंक ने कहा कि रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट (COR) रद्द कर दिया गया है क्योंकि कंपनी ने अपने डिजिटल लोन ऑपरेशन में वित्तीय सेवाओं की आउटसोर्सिंग में आचार संहिता पर दिशानिर्देशों का उल्लंघन किया है.
कंपनी ने अपने मुख्य कार्यों जैसे क्रेडिट वैल्युएशन, ब्याज दर तय करने के साथ-साथ ‘अपने ग्राहक को जानें (KYC)’ सत्यापन के लिए अन्य प्रोवाइडर को ‘आउटसोर्स’ किया, साथ सेवा प्रदाता की जांच-पड़ताल करने में विफल रही. एक्स10 फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड को पहले अभिषेक सिक्योरिटीज लिमिटेड के नाम से जाना जाता था. कंपनी को जून 2015 में पंजीकरण प्रमाणपत्र जारी किया गया था.
बता दें कि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया समय-समय पर ग्राहकों के हितों को ध्यान में रखकर कई बैंक व फाइनेंशियल कंपनियों पर जुर्मान की कार्रवाई करती है. कई मौकों पर आरबीआई ने बैंकों के लाइसेंस तक कैंसिल किए हैं. इनमें देश के अलग-अलग राज्यों में स्थित कॉपरेटिव बैंक शामिल हैं.
पिछले साल जून में भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने बनारस मर्केंटाइल सहकारी बैंक, वाराणसी की बिगड़ती वित्तीय स्थिति के मद्देनजर उसका लाइसेंस रद्द कर दिया था. उस वक्त आरबीआई ने कहा था, “परिणामस्वरूप, बैंक चार जुलाई, 2024 को कारोबारी समय के बाद बैंकिंग कारोबार करना बंद कर देगा.” केंद्रीय बैंक का कहना है बैंक बंद होने की स्थिति में जमाकर्ता जमा बीमा और ऋण गारंटी निगम (डीआईसीजीसी) से अपनी पूरी जमा राशि प्राप्त करने के हकदार होते हैं.