76वें गणतंत्र दिवस से ठीक चार दिन पहले, नौसेना ने मेगा परेड के लिए अपनी सटीक तैयारियों का प्रदर्शन किया. इसमें अनुशासन, विविधता और समर्पण का मिश्रण दिखा, जिसका नेतृत्व लेफ्टिनेंट कमांडर साहिल आहलूवालिया कर रहे हैं. यह टुकड़ी देश के समुद्री हितों की रक्षा में नौसेना की महत्वपूर्ण भूमिका की झलक पेश कर रही है.
नौसेना की मार्चिंग टुकड़ी में 144 युवा कर्मी शामिल होंगे, जिनमें अधिकारी और नाविक शामिल हैं, जो 17 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से “मिनी इंडिया” का प्रतिनिधित्व करेंगे. इन कर्मियों की औसत आयु केवल 25 वर्ष है और उन्होंने भव्य परेड के लिए अपने प्रदर्शन को परिपूर्ण बनाने के लिए दो महीने का कठोर प्रशिक्षण लिया है. यह टुकड़ी नौसेना की उत्कृष्टता और विविधता में एकता की प्रतिबद्धता को उजागर करने के लिए तैयार है.
किस थीम पर है नौसेना की झांकी?
इस साल की नौसेना की झांकी भारत की समुद्री शक्ति और राष्ट्र की प्रगति और समृद्धि में इसकी महत्वपूर्ण भूमिका का जीवंत प्रतिनिधित्व है. इसमें आईएनएस सूरत, आईएनएस नीलगिरी और आईएनएस वाघशीर को दिखाया जाएगा. ये भारत के बेड़े में नया एडिशन है. जो युद्धपोत, फ्रिगेट और पनडुब्बी निर्माण में स्वदेशी प्रगति को प्रदर्शित करेंगे. झांकी नौसेना की बहुआयामी क्षमताओं को रेखांकित करती है, जो भारत के समुद्री भविष्य को आकार देने में महत्वपूर्ण हैं.
इस साल की परेड में एक ऐतिहासिक पहलू जोड़ते हुए, नौसेना बैंड में पहली बार छह महिला संगीतकार शामिल होंगी. जो अग्निवीर हैं, पारंपरिक बाधाओं को तोड़ते हुए. 80 संगीतकारों का यह बैंड समन्वित रचनाओं का प्रदर्शन करेगा, जो सामंजस्य और पेशेवरता का प्रतीक है. नौसेना की गणतंत्र दिवस प्रस्तुति न केवल इसकी परिचालन शक्ति और तकनीकी प्रगति को उजागर करती है, बल्कि समावेशिता और नवाचार के प्रति इसकी प्रतिबद्धता को भी दर्शाती है.