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नया इनकम टैक्स कानून महंगा खरीदा घर, सस्ते में बेचना पड़ा, तो कैसे होगी लॉस की भरपाई? ये है प्रावधान

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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में आयकर बिल 2025 पेश किया. इस बिल का मकसद पुराने और जटिल कर नियमों को आसान बनाना है. सरकार चाहती है कि आम लोग टैक्स के नियमों को आसानी से समझ सकें और बिना किसी परेशानी के उनका पालन कर सकें. यह बिल पिछले साल बजट में की गई घोषणा का हिस्सा है. इसमें हाउस प्रापर्टीज़ से जुड़े कुछ नियमों को बदला गया है. अब एक घर से हुए नुकसान को दूसरे घर की कमाई से जोड़ा जा सकता है. लेकिन अगर नुकसान 2 लाख रुपये से ज्यादा है, तो उसे दूसरी आय में नहीं जोड़ा जा सकता.

इस बिल के अनुसार, अगर किसी को घर की संपत्ति से नुकसान होता है, तो वह नुकसान दूसरी संपत्ति की आय से एडजस्ट किया जा सकता है. लेकिन अगर नुकसान 2 लाख रुपये से ज्यादा है, तो इसे वेतन या बिजनेस से हुई कमाई में नहीं जोड़ा जा सकता.इस नुकसान को अगले 8 साल तक आगे बढ़ाया जा सकता है. लेकिन ध्यान रखें, यह नुकसान सिर्फ घर की संपत्ति से हुई कमाई से ही एडजस्ट किया जा सकता है. इसे वेतन, बिजनेस या किसी और स्रोत से हुई आय में नहीं जोड़ा जा सकता.

लेकिन बाकी 1.5 लाख रुपये का नुकसान अगले साल के लिए आगे बढ़ा दिया जाएगा. अगले साल यह नुकसान सिर्फ घर की संपत्ति से होने वाली कमाई से ही एडजस्ट किया जा सकता है. अगर राहुल को अगले साल घर से कोई आय नहीं होती, तो यह नुकसान अगले 8 साल तक ऐसे ही आगे बढ़ सकता है.

पूंजीगत लाभ पर छूट
सरकार ने पूंजीगत लाभ (capital gain) पर कुछ नियम बदले हैं. केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) के अनुसार, अगर कोई व्यक्ति नई टैक्स प्रणाली चुनता है, तो उसे कुछ खास तरह की टैक्स छूट नहीं मिलेगी.

अगर कोई व्यक्ति अपनी संपत्ति बेचता है और एक साल पहले या दो साल बाद नया घर खरीदता है, तो उसे पूंजीगत लाभ कर से छूट मिल सकती है.
अगर वह नया घर बनवा रहा है, तो यह समय सीमा तीन साल तक बढ़ाई जा सकती है.
लेकिन अगर बेची गई संपत्ति से मिलने वाला पैसा नए घर की लागत से ज्यादा है, तो उस अतिरिक्त रकम पर टैक्स लगेगा.
अगर कोई व्यक्ति खरीदी गई संपत्ति को 3 साल के अंदर बेच देता है, तो उसकी खरीद लागत शून्य मानी जाएगी और टैक्स ज्यादा लगेगा.