महाराष्ट्र सरकार ने एक नई योजना की घोषणा की है, जिसके तहत सरकारी स्कूलों के छात्रों को कक्षा 1 से ही बेसिक मिलिट्री ट्रेनिंग दिया जाएगा. स्कूल शिक्षा मंत्री दादा भुसे ने नासिक में आयोजित एक कार्यक्रम में इस बात की जानकारी दी. इस पहल का उद्देश्य बच्चों में छोटी उम्र से ही देशभक्ति, अनुशासन और ‘राष्ट्र प्रथम’ की भावना को विकसित करना है.
पूर्व सैनिकों की मदद से होगा ट्रेनिंग
इस योजना को लागू करने के लिए राज्य सरकार 2.5 लाख से अधिक पूर्व सैनिकों को शामिल करने की योजना बना रही है. इसके अलावा, राष्ट्रीय कैडेट कोर (NCC) के इंस्ट्रक्टर, स्काउट और गाइड इंस्ट्रक्टर और ट्रेंड फिजिकल एजुकेशन टीचर भी इसमें सहयोग देंगे. सरकार जल्द ही इसके लिए एक औपचारिक नीति की घोषणा कर सकती है.
स्कूल शिक्षा विभाग और पूर्व सैनिक कल्याण मंत्रालय मिलकर करेंगे काम
स्कूल शिक्षा विभाग इस योजना को पूर्व सैनिक कल्याण मंत्रालय के साथ मिलकर लागू करेगा. हाल ही में मंत्री दादा भुसे और पूर्व सैनिक कल्याण मंत्री शंभूराज देसाई के बीच हुई बैठक में इस विषय पर चर्चा हुई और एक प्रस्ताव तैयार किया गया कि यह प्रशिक्षण पूर्व सैनिकों के स्वैच्छिक सहयोग से कैसे चलाया जाए.
‘हैप्पी सैटरडे’ में होगा एक घंटे का विशेष सेशन
अधिकारियों के अनुसार, स्कूलों में पहले से चल रहे ‘हैप्पी सैटरडे’ कार्यक्रम में एक घंटे का अतिरिक्त शारीरिक गतिविधियों और खेलों पर केंद्रित सेशन शामिल किया जाएगा. यह सेशन बच्चों को मोबाइल और स्क्रीन के बढ़ते उपयोग से दूर रखने और उन्हें फिजिकल रूप से एक्टिव रखने में मदद करेगा.
सिंगापुर से मिली प्रेरणा
मंत्री भुसे ने बताया कि हाल ही में 48 जिला परिषद स्कूलों के शिक्षकों का सिंगापुर दौरा हुआ था, जहां उन्होंने देखा कि वहां किस तरह देशभक्ति और अनुशासन को स्कूली शिक्षा में शामिल किया जाता है. यह दौरा ही इस योजना के पीछे एक मुख्य प्रेरणा बना.
शिक्षकों की चिंता: उम्र, संसाधन और प्राथमिकता
हालांकि, इस योजना को लेकर शिक्षकों में कुछ चिंताएं भी सामने आई हैं. कई शिक्षकों ने सरकारी स्कूलों में शारीरिक शिक्षा शिक्षकों की कमी पर सवाल उठाए हैं. उनका कहना है कि पहले से मौजूद समस्याओं को हल किए बिना नई योजना शुरू करना व्यावहारिक नहीं है. एक शिक्षक ने कहा कि कक्षा 1 के छोटे बच्चों को मिलिट्री ट्रेनिंग देना उचित नहीं है, क्योंकि वे अभी राष्ट्र की अवधारणा से अनजान होते हैं.
पायलट प्रोजेक्ट से शुरू करने की सलाह
महाराष्ट्र स्कूल प्रिंसिपल्स एसोसिएशन के पूर्व प्रमुख महेंद्र गणपुले ने कहा कि पहले कुछ स्कूलों में पायलट प्रोजेक्ट चलाकर योजना की प्रभावशीलता को परखा जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि जब बड़े बच्चों के लिए पहले से ही NCC और स्काउट-गाइड जैसे कार्यक्रम उपलब्ध हैं, तो छोटे बच्चों के लिए नए प्रशिक्षण की आवश्यकता पर खुली चर्चा जरूरी है.