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कोलकाता डॉक्टर रेप-मर्डर केस: ममता बनर्जी अंदर 2 घंटे करती रहीं इंतजार, बाहर 1 मांग पर अड़े थे डॉक्टर्स, मुलाकात पर बस यहां फंसी बात?

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कोलकाता के आरजी कर अस्पताल में लेडी ट्रेनी डॉक्टर के रेप-मर्डर पर बवाल जारी है. धरने की बलि चढ़ी कोलकाता का हेल्थ सिस्टम अब कराहने लगा है. राज्य सरकार की मानें तो जूनियर डॉक्टरों के हड़ताल के बाद इलाज न मिलने की वजह से अब तक 27 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं. तीन दिन से मुख्यमंत्री ममता बनर्जी करती रहीं मगर ईमेल के चले कई दौर के बाद भी जूनियर डॉक्टरों ने मुख्यमंत्री से मुलाकात नहीं की. धरना शुरू होने से लेकर अब तक जूनियर डॉक्टर अपनी मांगें और शर्तें बढ़ाते जा रहे हैं. सबसे पहले जानतें हैं प्रदर्शनकारी डॉक्टरों के डिमांड की लिस्ट.

डिमांड 1- आंदोलन की शुरुआत में जूनियर डॉक्टरों की मांग थी ‘जस्टिस’. इसके लिए वे सीबीआई जांच की मांग कर रहे थे. साथ ही प्रशासन की तरफ से सुरक्षा का आश्वासन और आर जी कर अस्पताल के मौजूदा प्रिंसिपल संदीप घोष को हटाए जाने की मांग. हाईकोर्ट के आदेश के बाद केस सीबीआई को ट्रांसफर हुआ. कांड के एक सप्ताह बाद ही मामला सीबीआई को सौंपा गया. जब मामला सुप्रीम कोर्ट की दहलीज तक पहुंचा तो डॉक्टरों को सुरक्षा मुहैया कराने के लिए केन्द्रीय सुरक्षा बलों को तैनात किया गया.

डिमांड 2- इसके बाद जूनियर डॉक्टरों ने आरजी कर अस्पताल में संदीप घोष की जगह भेजे गए नये प्रिंसिपल को भी हटाने की मांग की. साथ ही मेडिकल सुपरिटेंडेंट एंड वाइस प्रिंसिपल सहित अस्पताल में घटना के समय कार्यरत कई विभाग प्रमुखों को हटाने का मांग की. सरकार ने बात मानी और उन्हें हटा दिया.

डिमांड 3- फिर संदीप घोष और उनके करीबी दो डॉक्टर, जो आरजी कर अस्पताल से पहले संदीप घोष के बर्दवान और कमरहाटी में तैनात रहते थे, को सस्पेंड करने की मांग की. डॉक्टर वीरूपाक्ष विश्वास और डॉक्टर अवीक डे को आगे चलकर स्वास्थ विभाग ने सस्पेंड कर दिया.

डिमांड 4 (शर्तों के साथ)- ये सारी मांगें पूरी होने के बाद डॉक्टरों ने पुलिस मुख्यालय लालबाजार का घेराव अभियान किया. जहां वे पुलिस कमिश्नर के इस्तीफे की मांग कर रहे थे. उनकी मांग थी कि या तो पुलिस कमिश्नर विनीत गोयल इस्तीफा दें या उन छात्रों से उनकी शर्तों पर मुलाकात करें. एक दिन चले धरने के बाद पुलिस कमिश्नर ने उनकी मांगें मानीं और सभी प्रदर्शनकारियों को लालबाजार के पास तक आने दिया. साथ ही प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात भी की, जिन्होंने पुलिस कमिश्नर को स्पाइन का मॉडल गिफ्ट किया.

डिमांड 5- मंगलवार रको जूनियर डॉक्टरों ने स्वास्थ सचिव, डॉयरेक्टर हेल्थ के इस्तीफे की मांग करते हुए स्वास्थ भवन की तरफ कूच किया. इस मांग पर ये डॉक्टर तब से स्वास्थ्य भवन के सामने धरने पर बैठे हैं.

शर्तों की लड़ी: पहले स्वास्थ सचिव ने ईमेल लिखकर इन जूनियर डॉक्टरों को मिलने बुलाया. एक डॉक्टर ने कहा कि स्वास्थ्य सचिव का तो हम इस्तीफ़ा मांग रहे हैं. उनके साथ बैठक नहीं करेंगे.
उसके बाद मुख्य सचिव ने ईमेल लिखकर जूनियर डॉक्टरों को मिलने की बात कही तो जवाबी ईमेल में डॉक्टरों ने शर्तें लाद दीं. कल शाम यानी बुधवार को 6 बजे डॉक्टरों को बैठक के लिए बुलाया गया था लेकिन डॉक्टरों ने अंतिम समय बताया कि वे बैठक में शामिल होने नहीं जायेंगे. अब डॉक्टरों ने बैठक के लिए क्या शर्तें रखीं?

1- बैठक मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की मौजूदगी में होगी.
2- 10 की बजाय 30 डॉक्टर बैठक में हिस्सा लेने जायेंगे.
3- डॉक्टरों की मांगों पर ही चर्चा होगी.
4- ममता संग बैठक की लाइव स्ट्रीमिंग होगी.

कब थी ममता संग मीटिंग
हालांकि, पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव ने गुरुवार को फिर डॉक्टरों को मिलने बुलाया. डॉक्टरों को लिखी चिट्ठी में साफ लिखा कि बैठक की लाइव स्ट्रीमिंग नहीं की जायेगी. बाकी मुख्यमंत्री ममता बनर्जी बैठक में रहेंगी और 15 लोग बैठक में शामिल हो सकेंगे. डॉक्टरों को गुरुवार को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शाम 4.45 पर बुलाया था, जिससे बैठक 5 बजे शुरू हो सके. मुख्यमंत्री ममता खुद शाम 4.45 से डॉक्टरों का इंतजार कर रही थीं.

डॉक्टरों ने रखा सस्पेंस, फिर खोला पत्ता
उधर, डॉक्टरों ने गुरुवार को भी बैठक में जायेंगे या नहीं, इसपर अंत समय तक सस्पेंस बनाये रखा और 4.21 पर घोषणा की कि वे थोड़ी देर में बस से रवाना होंगे और बैठक में शामिल होंगे. हालांकि, उन्होंने फिर दोहराया कि उनकी दो मांगें हैं. एक कि 15 की जगह 30 लोगों को अनुमति दी जाये और दूसरी कि बैठक की लाइव स्ट्रीमिंग हो. इसके बाद डॉक्टर्स नबान्नो शाम 5.25 पर पहुंचे. उसके बाद जिद पर अड़ गए कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होंगी, वे भीतर नहीं जायेंगे. मुख्यमंत्री ममता अंदर इंतजार करती रहीं और डॉक्टर सभागार के अंदर नहीं गए. इस बीच मुख्य सचिव आये, डीजीपी आये और डॉक्टरों से कहा कि 15 की बजाय 32 लोग भले बैठक में चलें लेकिन बैठक की लाइव स्ट्रीमिंग नहीं हो सकती है. ममता करीब 2 घंटे तक इंतजार करती रहीं, मगर डॉक्टर्स मीटिंग के लिए नहीं ही गए.

ममता ने कितने देर किया इंतजार?
बातचीत के लिए सीएम ममता बनर्जी ने कुल 2 घंटे 10 मिनट तक डॉक्टरों का इंतजार किया. जब डॉक्टर नहीं गए तो वो प्रेस के सामने आईं और कहा कि उन्हें लगता है कुछ डॉक्टर ऐसे हैं, जिन्हें बाहर से इंस्ट्रक्शन्स आ रहे हैं कि वे बातचीत न करें. मगर वे फिर भी डॉक्टरों को माफ करती हैं. उन्होंने फिर दोहराया कि उन डॉक्टरों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी. बता दें कि 9 अगस्त को आरजी कर अस्पताल के सेमिनार हॉल में लेडी ट्रेनी डॉक्टर का शव मिला था. 10 अगस्त को आरोपी संजय रॉय को गिरफ्तार किया गया. कोलकाता डॉक्टर रेप-मर्डर कांड के बाद से ही सियासत भी जारी है.