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बायजूज के सामने संकट हर-हाल में अमेरिकी बैंकों को देने होंगे 1 अरब डॉलर से ज्यादा

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इनसॉल्वेंसी की प्रक्रिया से गुजर रही एडटेक स्टार्टअप कंपनी बायजूज के सामने संकट का अंबार लगता जा रहा है. कंपनी के ऊपर बकाया देनदारी के लगातार दावे आ रहे हैं. इस बीच अमेरिकी बैंकों ने कहा है कि उसकी पैरेंट कंपनी थिंक एंड लर्न पर 1 अरब डॉलर से ज्यादा का बकाया है और कंपनी को हर-हाल में उसका भुगतान करना पड़ेगा.

ईटी की एक रिपोर्ट के अनुसार, थिंक एंड लर्न को सिर्फ अमेरिकी बैंकों को 1.2 बिलियन डॉलर से ज्यादा भुगतान करना है. अमेरिकी बैंकों का कहना है कि बायजूज ने 17 महीने से ज्यादा समय से बकाए के एक भी रुपये का भुगतान नहीं किया है. अमेरिकी बैंकों की मानें तो भले ही बायजूज भारत में इनसॉल्वेंसी की प्रक्रिया से गुजर रही हो, उसे हर हाल में 1 अरब डॉलर से ज्यादा के बकाए का भुगतान करना पड़ेगा.

यह दावा ऐसे समय दोहराया गया है, जब हाल ही में पीटीआई की एक रिपोर्ट में बायजू रवींद्रन के हवाले से कहा गया था कि संभव है उनकी कंपनी थिंक एंड लर्न को अमेरिका में विवादित 1.2 बिलियन डॉलर के टर्म लोन बी (टीएलबी) का भुगतान नहीं करना पड़े. इसके लिए रवींद्रन ने अमेरिकी बैंकों का प्रतिनिधित्व कर रहे ग्लास ट्रस्ट के व्यवहार को जिम्मेदार बताया था.

उसके बाद अब ग्लास ट्रस्ट ने बयान जारी किया है, जिसमें उसने कहा है कि न तो फाउंडर बायजू रवींद्रन और न ही इनसॉल्वेंसी रिजॉल्यूशन प्रोफेशनल के पास किसी टर्म लोन लेंडर को अयोग्य साबित करने का अधिकार है. अगर वे ऐसा करते हैं, तब भी बायजूज के ऊपर कर्ज की पूरी बाकी रकम और उस पर ब्याज के भुगतान की देनदारी बनती है. इससे इतर कोई भी तर्क वैध नहीं है. बायजू को भी यह बात मालूम है.

एक समय भारत की सबसे वैल्यूएबल स्टार्टअप कंपनी बनने वाली बायजूज के खिलाफ अभी इनसॉल्वेंसी की प्रक्रिया चल रही है. कंपनी के ऊपर उसके मौजूदा व पूर्व कर्मचारी 300 करोड़ रुपये से ज्यादा के बकाए का दावा कर चुके हैं. कंपनी के ऊपर करीब 850 करोड़ रुपये की टैक्स देनदारी बन रही है. इनसॉल्वेंसी प्रक्रिया के तहत अब तक कंपनी के ऊपर 1.5 बिलियन डॉलर से ज्यादा के बकाए के दावे सामने आए हैं.

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