हैदराबाद. इंडियन रेलवे का नेटवर्क न केवल विशाल है, बल्कि अत्याधुनिक भी है. रेलवे को मॉडर्न टेक्नोलॉजी से लैस करने के लिए हजारों करोड़ रुपये का निवेश किया जा रहा है. रेल सुरक्षा पर भी खास ध्यान दिया जा रहा है. भारतीय रेल के लिए अपनी संपत्ति के साथ ही यात्रियों की सुरक्षा की जिम्मेदारी भी रहती है. सुरक्षा की जिम्मेदारी खासतौर पर GRP और RPF के कंधों पर रहती है. GRP ने एक बार फिर से साबित कर दिया है कि वह पैसेंजर की सुरक्षा के लिए हमेशा तत्परा और प्रयासरत रहता है. GRP की सतर्कता का ही नतीजा है कि रनिंग ट्रेन में यात्रियों को नशीला पदार्थ खिलाकर उन्हें लूटने वाले गैंग का भंडाफोड़ किया है. आरोपियों के पास से लूट का माल भी बरामद किया गया है.
काचीगुड़ा (तेलंगाना) GRP की स्पेशल टीम ने पैसेंजर्स से लूटपाट करने वाले गैंग का भंडाफोड़ किया है. अधिकारियों ने बताया कि इस गैंग की लंबे समय से तलाश थी. लूटपाट की कई घटनाएं सामने आने के बाद GRP पहले से ही सतर्क थी. रेल पुलिस टीम के अफसरों का कहना है कि ये लुटेरे पहले यात्रियों को नशीला पदार्थ खिलाते थे और यात्रियों के अचेत होते ही उनका सामान लूटकर चंपत हो जाते थे. गैंग में शामिल आरोपी लुटेरों के पास से तकरीबन 4.50 लाख रुपये के गहने भी बरामद किए गए हैं. ‘डेक्कन क्रॉनिकल’ की रिपोर्ट के अनुसार, कर्नाटक के हासन जिले के रहने वाले किसान सिद्देश के साथ भी लुटेरों ने लूट कांड को अंजाम दिया था.
550 किलोमीटर बाद आया होश
रिपोर्ट की मानें तो कर्नाटक निवासी सिद्देश ने 22 सितंबर 2024 को GRP थाने में शिकायत दर्ज कराई थी. उन्होंने बताया कि 18 सितंबर को वह मैसूर एक्सप्रेस के जनरल डिब्बे से शमीरपेट अपने बेटे से मिलने जा रहे थे. उन्होंने काचीगुड़ा रेलवे स्टेशन से ट्रेन में सवार हुए थे. उन्होंने बताया कि आरोपी भी अपने 3 सहयोगियों के साथ उसी ट्रेन में सवार हुआ था. सिद्देश ने अपनी शिकायत में बताया कि ट्रेन जब बड़वेल से गुजर रही थी तो उन्होंने उनको खाने के लिए एक क्रीम बिस्किट दी थी. बिस्किट खाने के कुछ समय बाद ही वह अचेत हो गए थे. ट्रेन के बेंगलुरु पहुंचने पर वह होश में आए थे. बड़वेल से बेंगलुरु की दूरी 563 किलोमीटर से ज्यादा है.
अंगूठी और गले का चेन गायब
पीड़ित सिद्देश ने आगे बताया कि जब वह होश में आए तो उन्होंने पाया कि उनकी दो अंगूठी और गले का एक चेन गायब है. GRP के अधिकारी एसएन जावेद ने बताया कि इस घटना के बाद सिद्देश वापस काचीगुड़ा लौटे और थाने में आकर इस बाबत शिकायत दर्ज कराई. शिकायत दर्ज होने के बाद GRP ने मामले की छानबीन शुरू कर दी. सीसीटीवी कैमरों की मदद से लूट के आरोपियों की पहचान कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया. आरोपियों की पहचान सोनू (नागोल निवासी), जान मोहम्मद चौधरी (अंबरपेट निवासी), क्रिश कुमार (नागोल निवासी) और दिलीप वर्मा (नागोल निवासी) के तौर पर की गई. उनके पास से चोरी के गहने भी बरामद किए गए हैं.