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गांधी और अम्बेडकर के विचारों में देश की  दशा और दिशा बदलने का सामर्थ्य : डॉ. टेकाम

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रायपुर। स्कूल शिक्षा एवं आदिवासी विकास मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के 71 वीं पुण्यतिथि पर 31 जनवरी को जिला मुख्यालय अम्बिकापुर के जिला ग्रंथालय में आयोजित गांधी सुमिरन के अंतर्गत गांधी और अम्बेडकर दलित विमर्श विषय पर विचार गोष्ठी में शामिल हुए। उन्होंने महात्मा गांधी एवं बाबा साहब डॉ. भीमराव अम्बेडकर के छायाचित्र के समक्ष दीप-प्रज्जवलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया। डॉ. टेकाम ने विचार गोष्ठी को सम्बोधित करते हुए कहा कि गांधी और अम्बेडकर के बताये मार्ग पर चलकर ही समाज में समरसता लायी जा सकती है। इससे देश को विकास के पथ पर आगे ले जाया जा सकता है। उनके विचार देश की दशा और दिशा बदलने का सामर्थ्य रखते है। डॉ. टेकाम ने कहा कि गांधीजी अहिंसा के पुजारी थे और वे हमेशा बातचीत और संवाद के जरिये समस्याओं के समाधान करने के प्रबल समर्थक थे। बाबा साहब ने दलित वर्गों के लिए समान अवसर एवं अधिकार दिलाने के लिए संविधान में विशेष प्रावधान का समावेश किया। उन्होंने कहा कि जब भी हम समाज के बारे में सोचे तो एक मिनट के लिए आँखे बंद कर समाज के अंतिम पंक्ति में खड़े व्यक्ति को देखने की कोशिश करें और उनके भले के लिए कदम उठायें। कार्यक्रम को महापौर डॉ. अजय तिर्की और मुख्य वक्ता एवं पत्रकार आशुतोष कुमार ने भी सम्बोधित किया। इस अवसर पर नगर निगम के उपसभापति शफी अहमद, रेहाना फाउण्डेशन के अध्यक्ष दिनेश शर्मा सहित बड़ी संख्या में नगरवासी उपस्थित थे।