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बच्‍चे को दूध पिलाने नर्स ने बुलाया, अंदर… झांसी मेडिकल कॉलेज में 20 नवजात को बचाने वाले का अपना दर्द बेहद खौफनाक

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यूपी के झांसी स्थित जिस अस्‍पताल के शिशु वार्ड (NICU) में 10 बच्‍चों की मौत हुई, वहां हादसा इससे कई गुना बड़ा भी हो सकता था. वहां मौजूद कृपराम 20 परिवारों के लिए मसीहा बनकर पहुंचे. उन्‍होंने खिड़की तोड़कर अंदर फंसे 20 नवजात बच्‍चों को अपने हाथों से उठाकर बाहर निकाला. कम से कम 40 बच्‍चों को NICU से रेस्‍क्‍यू किया गया. उन्‍होंने अस्‍पताल में आग लगने के बाद बढ़-चढ़कर अंदर फेंस बच्‍चों को बाहर निकालने के अभियान को चलाया. हालांकि उन्‍हें अबतक ये नहीं पता कि उसका खुद का बच्‍चा और बच्‍चे की मां कहां पर मौजूद है. कृपाल बताते हैं कि अस्‍पताल प्रशासन से वो बार-बार संपर्क करने का प्रयास कर रहे हैं, लेकिन उन्‍हें कोई जानकारी नहीं दी जा रही है.

कृपाल का भी नवजात इसी वार्ड में एडमिट था. कृपाल अपने नवजात को दूध पिलाने के लिए जा रहे थे. नर्स ने बुलाया था. जब कृपाल अंदर गए तो देखा आग ने झांसी मेडिकल कॉलेज के एनआईसीयू वार्ड को अपने आगोश में ले लिया है. नर्स भी जल रही है. बेड जल रहा है. उन्‍होंने बताया कि सबसे पहले उन्‍होंने शोर मचाते हुए आग पर काबू पाकर का काम किया. जैसे तैसे नर्स को बचाया गया फिर उनकी मदद से कृपाल ने करीब 40 बच्चों को रेस्क्यू किया. खुद कृपाल ने अपने हाथों से 20 बच्‍चों को एनआईसीयू से बा‍हर निकाला.

बच्‍चे की खोज के लिए भटक रहा कृपाल
कृपाल बताते हैं कि उनकी पत्‍नी और नवजात बच्‍चा भी वहां था जिसके बारे में कोई जानकारी नहीं मिल पा रही है. पत्‍नी के बारे में भी उन्‍हें कोई खबर नहीं हैं. इतने बच्‍चों को बचाने के बावजूद उनका अपना परिवार किस स्थिति में है, ये बताने वाला वहां कोई नहीं है. अस्‍पताल प्रशासन कोई जवाब नहीं दे रहा है. कृपाल बताते हैं कि ये घर में पहला बच्चा है. बच्‍चे के जन्‍म से परिवार में खुशी का माहौल था लेकिन डॉक्‍टर ने बताया कि बच्‍चे के साथ कुछ दिक्‍कत है, उसे एनआईसीयू में रखना होगा. मेरी शादी देरी से हुई, इसलिए बच्‍चा भी देरी से हुआ. ऐसे में घर में सबको पोता-पोती का इंतजार है. अब सभी उनकी खोज-खबर के लिए भटक रहे हैं.