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अमेरिका पर यह कैसा खतरा? न्‍यू ऑर्ल‍ियन्‍स अटैक और ट्रंप होटल विस्फोट का क्या कनेक्शन, FBI को क्या शक

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हमलों से अमेरिका दहल उठा. एक हमला न्यू ओर्लियंस में हुआ, जहां 15 लोगों की मौत हो गई. दूसरा हमला अमेरिका के लास वेगास में ट्रम्प इंटरनेशनल होटल के पास हुआ. न्यू ओर्लियंस में जहां आईएसआईएस के कथित आतंकी ने ट्रक से लोगों को रौंद दिया. वहीं ट्रंप होटल के पास धमाके में 1 की मौत हो गई. अब सवाल है कि क्या दोनों घटना के तार एक-दूसरे से जुड़े हैं? क्या इन दोनों हमलों के पीछे आईएएसआईएस ही है? फिलहाल, इन दोनों घटनाओं से अमेरिका सहम चुका है. जो बाइडन से लेकर डोनाल्ड ट्रंप तक का पारा हाई हो चुका है. एफबीआई को न्यू ओर्लियंस अटैक में टेरर एंगल मिला है. इसकी जांच में जुट गई है.

सबसे पहले जानते हैं कि न्यू ओर्लियंस में क्या हुआ?
अमेरिका में नए साल के मौके पर न्यू ओर्लियंस में कैनाल एवं बॉर्बन स्ट्रीट मार्ग पर बुधवार तड़के अचानक चीख-पुकार मची. करीब तड़के 3.15 मिनट पर एक शख्स ने भीड़ में ट्रक को घुसा दिया. लोग बचाओ-बचाओ चिल्लाते-चिल्लाते भागने लगे. जिधर लोग ज्यादा भागे, शख्स ने उधर ही ट्रक दौड़ाई और सबको रौंद दिया. इसमें 15 लोगों की मौत हो गई और 30 से अधिक घायल हो गए. जब तक पुलिस कुछ समझ पाती, लाशें बिछ गई थीं. इसके बाद पुलिस ने हमलावर को पकड़ने की कोशिश की तो उसने हथियार से गोलीबारी शुरू कर दी. हालांकि, बाद में पुलिस ने हमलावर को मार गिराया.

कौन था हमलावर और कैसे दिया वारदात को अंजाम
हमलावर की पहचान शम्सुद्दीन जब्बार के रूप में हुई है. वह अमेरिकी नागरिक है और टेक्सास में रहता था. वह अमेरिकी सेना का पूर्व जवान रह चुका है. उसकी उम्र 42 साल थी. उसने जिस ट्रक से भीड़ को रौंदा, उसमें आईएसआईएस के झंडे लगे थे. ट्रक से पुलिस को हथियार और विस्फोटक डिवाइस मिले हैं. एफबीआई इसे आतंकी घटना मान रही है क्योंकि हमलावर की गाड़ी से आईएसआईएस‘इस्लामिक स्टेट समूह’ का झंडा मिला है. साथ ही, पुलिस को मुठभेड़ के बाद एक हैंडगन और एक एआर-शैली की राइफल मिली है.

न्यू ओर्लियंस की मेयर लाटोया कैंट्रेल ने इसे आतंकी हमला करार दिया है. फिलहाल, एफबीआई टेरर एंगल से इस घटना की जांच कर रही है. हमलावर जब्बार ने वारदात को अंजाम देने से पहले एक वीडियो रिकॉर्ड किया था. उस वीडियो में उसने आईएसआईएस में शामिल होने की बात कबूल की थी. इधर एफबीआई का कहना है कि यह किसी अकेले का काम नहीं है. इसमें और भी लोग शामिल हो सकते हैं. ऐसा लग रहा है कि अमेरिका पर फिर से आईएसआईएस का खतरा मंडराने लगा है

 

क्या दोनों घटनाओं के बीच कोई कनेक्शन है?
अब सवाल है कि क्या इन दोनों घटनाओं के तार एक-दूसरे से जुड़ते हैं? तो इसका सीधा सवाल देना मुश्किल है. मगर जो नई डिटेल सामने आई हैं, उससे साफ है कि इसमें कोई न कोई कनेक्शन तो जरूर है. न्यू ओर्लियंस ट्रक हमला हो या फिर ट्रंप होटल के बाहर विस्फोट, दोनों में किराए पर ही गाड़ी ली गई थी. ‘टुरो’ एक कंपनी है जो आनलाइन ऐप के माध्यम से वाहन मुहैया कराती है. दोनों ही घटना में टुरो के किराए के ट्रक का ही इस्तेमाल हुआ था. न्यू ऑर्लियन्स हमले और ट्रंप होटल में हुए विस्फोट में इस्तेमाल किए गए ट्रक जिस कार-शेयरिंग ऐप से किराए पर लिए गए थे, उस टुरो ने कहा है कि कंपनी दोनों घटनाओं की जांच कर रहे अधिकारियों के साथ सहयोग कर रही है. एफबीआई भी अब दोनों मामलों को जोड़कर देखने की कोशिश में है. यहां ध्यान देने वाली बात है कि भारत में भी अब रेंट पर गाड़ियां मिलती हैं.