Home देश-विदेश एपिडा की नायाब पहल, भारतीय किसान उत्पादों को मिला उनका ‘ग्लोबल मार्केट’

एपिडा की नायाब पहल, भारतीय किसान उत्पादों को मिला उनका ‘ग्लोबल मार्केट’

8

भारत में किसानों के उत्पादों को वैश्विक स्तर पर नई पहचान देने के लिए पीएम मोदी द्वारा शुरू किए गए अभियान वर्ल्ड फूड इंडिया में भारत सरकार की संस्था एपीडा यानि एग्रीकल्चरल एंड प्रोसेस फूड एक्सपोर्ट डेवलपमेंट अथाॅरिटी भी अपने योगदान में कोई कसर नहीं छोड़ रही है. पीएम मोदी ने शुक्रवार को इसकी शुरुआत की इस विजन के साथ भारत का छोटा किसान ताकतवर बनकर उभरे. इसी सपने को साकार करने के लिए एपीडा की नायब पहल है भारतीय किसानों के उत्पाद का भारत में ही एक वैश्विक बाजार का निर्माण करना. दिल्ली के प्रगति मैदान में हो रहे वर्ल्ड फूड इंडिया कार्यक्रम में विश्व भर के 80 से ज्यादा देशों के करीब 700 आयातक हिस्सा ले रहे हैं, जिनके सामने भारत के 15 राज्यों के किसानों के उत्पाद मौजूद रहेंगे, जिन्हें वह अपनी जरूरत के हिसाब से खरीद सकेंगे.

दरअसल, भारतीय किसानों के उत्पादन अंतरराष्ट्रीय बाजार में एक्सपोर्ट के जरिए पहुंचते थे, लेकिन अब यही बाजार किसानों के उत्पादों के लिए भारत में आ गया है. प्रधानमंत्री मोदी के इस विजन को पूरा करने के लिए भारत सरकार की संस्था एपिडा ने अहम भूमिका निभाई है. भारत सरकार के कार्यक्रम अंतरराष्ट्रीय मिलेट वर्ष को भी इस कार्यक्रम में ध्यान में रखा गया है. मिलेट से जुड़े प्रोडक्ट भी देशभर से आए छोटे और मध्यम स्तर के कारोबारी अंतरराष्ट्रीय बाजार के खरीददारों को दिखा रहे हैं. जिन प्रमुख देशों के खरीदार वर्ल्ड फूड इंडिया में हिस्सा ले रहे हैं, उसमें अमेरिका कनाडा यूएई, सऊदी अरब, मलेशिया, नेपाल और फ्रांस प्रमुख है. 3 नवंबर से 5 नवंबर तक 80 देश के करीब 700 खरीददार भारतीय किसान के उत्पादों को परखेंगे और अपनी जरूरत के मुताबिक उसे खरीदेंगे.

अंतरराष्ट्रीय बाजार की जरूरत के मुताबिक, एग्रीकल्चरल एंड प्रोसेस फूड एक्सपोर्ट डेवलपमेंट अथॉरिटी ने इस बार भारतीय किसानों के उत्पादों को उस हिसाब से तैयार करवाया है. मिसाल के तौर पर मिर्जापुर का काला नमक चावल विशेषज्ञों की देखरेख में अंतरराष्ट्रीय मापदंडों के अनुसार इस चावल का उत्पादन करवाया गया और अब उसे अंतरराष्ट्रीय बाजार में पेश किया गया है. रामपुर के रहने वाले अमित वर्मा संवर्धन नाम से अपनी एक संस्था चलाते हैं और स्वास्थ्य के सारे मापदंडों को ध्यान में रखते हुए उन्होंने एक खास पेय तैयार किया है जो अंतरराष्ट्रीय ग्राहकों के लिए आकर्षण का केंद्र बना हुआ है. इसी तरीके से पटियाला के एचपीएस लांबा ने मिलेट युक्त नमकीन तैयार की है, जिसमें प्रोटीन का कंटेंट बहुत ज्यादा है और एक नए तरीके से मिलेट को अंतरराष्ट्रीय बाजार में इसे पेश करने की कोशिश है.

एपीडा यानी एग्रीकल्चरल एंड प्रोसेस फूड एक्सपोर्ट डेवलपमेंट अथॉरिटी के चेयरमैन अभिषेक देव का कहना है किसानों की फसल के साथ-साथ किसानों के उत्पाद यानी वैल्यू एडेड प्रोडक्ट भी उतने ही महत्वपूर्ण है जिनकी अंतरराष्ट्रीय बाजारों में बहुत बड़ी मांग है. भारतीय किसानों के प्रोडक्ट इस बहुत बड़ी अंतरराष्ट्रीय मांग को पूरा करने में सक्षम है और इसी प्रक्रिया को स्थापित करने के लिए एक व्यवस्था बनाई जा रही है यानी इकोसिस्टम जहां उत्पाद भी मौजूद हैं और उसके खरीदार भी. वर्ल्ड फूड इंडिया इसी इकोसिस्टम को तैयार करने कर रहा है, जहां एपीडा का अपना पूरा योगदान कर रही है.

इस कार्यक्रम में भाग ले रहे मध्यम स्तर और छोटे स्तर के कारोबारी का कहना है उन्हें बराबर सरकार की ओर से निर्देश मिलता रहता है कि अंतरराष्ट्रीय बाजार के मापदंड क्या है. उसी के मुताबिक, वह अपना उत्पाद तैयार करते हैं, क्योंकि क्वालिटी अंतरराष्ट्रीय मार्केट के लिए बेहद जरूरी है. भारतीय किसानों के उत्पादों की अंतरराष्ट्रीय गुणवत्ता भारत की धाक इस सेक्टर में और ज्यादा बढ़ाएगी.

फेडरेशन ऑफ इंडियन चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज सहित देश की अलग-अलग संस्था इस कार्यक्रम में हिस्सा ले रही हैं. कुल मिलाकर उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, पंजाब, बिहार, झारखंड और राजस्थान सहित 15 राज्यों के यह किसान उत्पाद के कारोबारी इस मंच के जरिए यह भी समझेंगे कि आखिरकार उन्हें भविष्य में अपना कारोबार कैसे चलना है? भारतीय किसानों को कैसा मार्गदर्शन देना है कि कौन सी फसल अंतरराष्ट्रीय बाजार की मांग के मुताबिक वह उगाए, जिसका फायदा किसानों को मिल सके. उनका हक और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत के किसान एक महत्वपूर्ण स्तंभ बनें.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here