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चीन-पाकिस्‍तान की अब खैर नहीं…पड़ोसियों के ‘पर कतरने’ को भारत ने तैयार किया प्‍लान

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सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे ने पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ सीमा विवाद की पृष्ठभूमि में शुक्रवार को कहा कि भारत का दृष्टिकोण सभी देशों की संप्रभुत्ता और क्षेत्रीय अखंडता के सम्मान के साथ, विवादों के शांतिपूर्ण हल और अंतरराष्ट्रीय नियमों के पालन पर जोर देता है. चाणक्य रक्षा संवाद में जनरल पांडे ने अपने संबोधन में यह भी कहा कि भारत दुनियाभर में नए स्थानों पर रक्षा शाखाएं स्थापित कर रहा है और सेना मित्र विदेशी साझेदार देशों के साथ संयुक्त प्रशिक्षण और अभ्यासों का दायरा व पैमाना बढ़ाना चाहती है.

मौजूदा भू-राजनीतिक उथल-पुथल के संदर्भ में उन्होंने अंतरराष्ट्रीय मामलों में राष्ट्रीय सुरक्षा की बढ़ती महत्ता और आर्थिक व सामरिक शक्ति पर ध्यान देने की आवश्यकता पर जोर दिया. सेना प्रमुख ने निराशा और भू-राजनीतिक उतार-चढ़ाव के बीच भारत की स्थिति को ‘‘उज्ज्वल’’ बताया. जनरल पाण्डे ने कोई विशिष्ट संदर्भ दिए बगैर कहा, ‘‘हमारा दृष्टिकोण सभी देशों की संप्रभुत्ता और क्षेत्रीय अखंडता के सम्मान, सभी के लिए समानता, विवादों के शांतिपूर्ण हल, बलप्रयोग से बचने और अंतरराष्ट्रीय नियमों एवं कानूनों के पालन पर जोर देता है.’’

हम दुनियाभर में नई शाखाएं स्थापित कर रहे
सेना प्रमुख ने कहा कि सभी पक्षकारों के साथ सकारात्मक रूप से जुड़ने की भारत की प्रतिबद्धता विगत वर्षों में ‘‘अटूट और स्थायी’’ रही है. सेना प्रमुख ने कहा, ‘‘सैन्य क्षेत्र में हम उभरती बहुपक्षीय संरचना में अपनी भूमिका को समझते हैं. हम मैत्रीपूर्ण विदेशी साझेदार देशों के साथ अपने संयुक्त प्रशिक्षण और अभ्यासों, उप-क्षेत्रीय दृष्टिकोण और उत्कृष्ट प्रक्रियाओं को साझा करने का दायरा व पैमाना बढ़ाना चाहते हैं. हमारी रक्षा सहयोग पहुंच को बढ़ावा देने के लिए हम दुनियाभर में नए स्थानों पर रक्षा शाखाएं स्थापित कर रहे हैं. हमारे सामने आने वाली चुनौतियां महत्वपूर्ण है लेकिन अवसर और सामूहिक चेतना और ताकत भी महत्वपूर्ण हैं. अन्य बातों के साथ ही हमें अंतरराष्ट्रीय मामलों में राष्ट्रीय सुरक्षा की बढ़ती महत्ता और आर्थिक व सामरिक शक्ति पर ध्यान देने की आवश्यकता है.’’

एक युद्ध थमा नहीं कि अब दूसरा…
सेना प्रमुख ने कहा, ‘‘एक स्वास्थ्य संकट के रूप में शुरू हुई महामारी एक राष्ट्रीय सुरक्षा घटना के रूप में समाप्त हुई. यूक्रेन में टकराव थम भी नहीं पाया और अब हम पश्चिम एशिया में बढ़ते संघर्ष का सामना कर रहे हैं. कट्टरपंथ, आतंकवाद, समुद्री डकैती, अवैध प्रवासन, शरणार्थी और जलवायु परिवर्तन जैसे मुद्दे वैश्विक चिंताओं को बढ़ाते हैं.’’ भारत के बढ़ते कद के बारे में जनरल पांडे ने कहा कि आज विश्व मंच पर भारत एक विश्वसनीय आवाज है, जो ‘ग्लोबल साउथ’ की चिंताओं को स्पष्ट करने में उल्लेखनीय और प्रभावी है.

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