देश में व्हाइट गुड्स के उत्पादन को बढावा देने के लिए 18 कंपनियों का चयन उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (Production Linked Incentive Scheme-PLI) योजना के तहत किया गया है. जिन कंपनियों का चयन किया है उनमें वोल्टास, एमआईआरसी इलेक्ट्रॉनिक्स, लुमैक्स और यूएनओ मिंडा भी शामिल हैं. इन कंपनियों ने 2,299 करोड़ रुपये का निवेश करने का वादा किया है. एक अधिकारी ने सोमवार को बताया कि पिछले साल अक्टूबर में, 38 कंपनियों ने इस योजना के तहत 4,121 करोड़ रुपये के प्रस्तावित निवेश के साथ आवेदन किया था.
वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने कहा है कि पीएलआई योजना की तीसरी ऑनलाइन आवेदन विंडो में कुल 38 आवेदन प्राप्त हुए थे. इन आवेदनों की समीक्षा के बाद, सरकार ने 18 नई कंपनियों का अस्थायी रूप से चयन किया है. इन कंपनियों में 10 एयर कंडीशनर के पुर्जों के निर्माता और 8 एलईडी लाइट्स के निर्माता शामिल हैं. इन कंपनियों ने 2,299 करोड़ रुपये का निवेश करने का वादा किया है.
6 पीएलआई लाभार्थियों का अपग्रेडेशन
वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय मंत्रालय ने कहा कि छह मौजूदा पीएलआई लाभार्थियों को उच्च निवेश श्रेणियों में अपग्रेड करने के लिए अस्थायी रूप से चुना गया है, जिन्होंने 1,217 करोड़ रुपये का अतिरिक्त निवेश करने का वादा किया है. मंत्रालय ने बताया कि एयर कंडीशनर के लिए, कंपनियां कंप्रेसर, कॉपर ट्यूब और हीट एक्सचेंजर जैसे पुर्जे बनाएंगी.
इसी तरह, एलईडी लाइट्स के लिए, एलईडी चिप पैकेजिंग, ड्राइवर्स, इंजन, लाइट मैनेजमेंट सिस्टम और कैपेसिटर के लिए मेटलाइज्ड फिल्म्स का निर्माण भारत में किया जाएगा. कुल मिलाकर, पीएलआई योजना के तहत 84 कंपनियां 10,478 करोड़ रुपये का निवेश करेंगी, जिससे 1,72,663 करोड़ रुपये का उत्पादन होगा.
क्या है पीएलआई योजना?
पीएलआई योजना (Production Linked Incentive Scheme) भारत सरकार की एक प्रमुख पहल है, जिसका उद्देश्य देश में विनिर्माण (Manufacturing) को बढ़ावा देना, निवेश आकर्षित करना, और भारत को एक वैश्विक विनिर्माण हब बनाना है. इस योजना की शुरुआत 2020 में आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत की गई थी.