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ये जुगाड़ में आप जानेंगे कि खराब क्रेडिट स्कोर के साथ पर्सनल लोन कैसे हासिल किया जा सकता है.

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पर्सनल लोन एक ऐसी सुविधा है जो मुश्किल समय में पैसों की जरूरतों को पूरा करने में मदद करती है. आपका क्रेडिट स्कोर मुख्य रूप से आपकी लोन एलिजिबिलिटी को निर्धारित करता है. अगर आपका क्रेडिट स्कोर कम है, तो बैंकों या फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशंस जैसे ट्रेडिशनल लेंडर्स से मंजूरी हासिल करना मुश्किल हो सकता है.

600 से कम स्कोर को आमतौर पर खराब या कमजोर स्कोर माना जाता है, जबकि 750 और उससे ज्यादा के स्कोर को अच्छा माना जाता है. यहां हम आपको बताएंगे कि भारत में खराब क्रेडिट स्कोर के साथ पर्सनल लोन कैसे हासिल किया जा सकता है.

1. अपना क्रेडिट स्कोर जानें
लोन के लिए आवेदन करने से पहले अपना क्रेडिट स्कोर अवश्य जांचें. अगर आप अपना क्रेडिट स्कोर जानते हैं, तो आप अपनी वित्तीय स्थिति को बेहतर समझ पाएंगे और यह जान पाएंगे कि किस वजह से लोन अप्रूवल में दिक्कत आ सकती है.

2. कई लेंडर्स से संपर्क करें
भारत में कुछ विशेष फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशंस हैं जो खराब क्रेडिट हिस्ट्री वाले लोगों को भी लोन देते हैं. ये फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशंस रिस्क को बैंलेंस करने के लिए ज्यादा ब्याज दरें ले सकते हैं, लेकिन क्रेडिट स्कोर को लेकर स्ट्रिक्ट नहीं होते.

3. सिक्योर्ड लोन का फायदा उठाएं
अगर आपका क्रेडिट स्कोर खराब है, तो सिक्योर्ड पर्सनल लोन एक ऑप्शन हो सकता है. यहां आप किसी संपत्ति जैसे गाड़ी, अचल संपत्ति, फिक्स्ड डिपॉजिट आदि को सिक्योरिटी के रूप में लेंडर्स के पास गिरवी रखते हैं. हालांकि, अगर आप लोन का भुगतान नहीं करते हैं, तो आप गिरवी रखी संपत्ति खो सकते हैं.

4. एक गारंटर या को-एप्लीकेंट
अगर आपके पास एक को-एप्लीकेंट या गारंटर है, तो एक अच्छा क्रेडिट स्कोर आपके लोन मंजूरी की संभावना को बढ़ा सकता है. अगर आप भुगतान नहीं करते हैं तो गारंटर या को-एप्लीकेंट लोन के पेमेंट करने की जिम्मेदारी लेगा.

5. अपना क्रेडिट स्कोर सुधारें
अपना क्रेडिट स्कोर बढ़ाना भविष्य में बेहतर लोन शर्तें हासिल करने के सर्वोत्तम तरीकों में से एक है, लेकिन इसमें समय लगता है.

6. स्टेबल इनकम का प्रूफ दें
लेंडर्स यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि आप समय पर लोन की ईएमआई चुका सकें. इसलिए अपनी सटेबल इनकम का दस्तावेज दें- जैसे आपकी वेतन पर्ची, बैंक स्टेटमेंट, या इनकम टैक्स रिटर्न.

7. शॉर्ट टर्म लोन पर विचार करें
आमतौर पर शॉर्ट टर्म लोन में छोटी राशि ली जाती है और चुकाने की अवधि भी कम होती है. चूंकि लेंडर्स को कम रिस्क होता है, वे खराब क्रेडिट रिस्क वाले लोगों को भी आसानी से शॉर्ट टर्म लोन दे देते हैं.