अमेरिका से भारी बमों की खेप, इजरायल पहुंच गई है. रक्षा मंत्रालय ने यह जानकारी देते हुए बताया कि बाइडेन प्रसाशन ने इस खेप को रोक दिया था. इजरायली मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक एमके-84 2,000-पाउंड के बमों से लदा एक जहाज शनिवार रात को अशदोद बंदरगाह पहुंचा. जहाज के बंदरगाह पहुंचने के बाद बमों को दर्जनों ट्रकों में लादकर इजरायली एयरबेस ले जाया गया. रक्षा मंत्री इजरायल काट्ज ने बमों के आगमन की सराहना करते हुए कहा कि ‘ट्रंप प्रशासन की ओर से जारी की गई गोला-बारूद की खेप शनिवार रात इजरायल में पहुंची. यह वायु सेना और इजरायल डिफेंस फोर्सेज (आईडीएफ) के लिए एक महत्वपूर्ण संपत्ति है. यह इजरायल और अमेरिका के बीच मजबूत गठबंधन का एक और सबूत है.’
मंत्रालय के अनुसार, अक्टूबर 2023 में युद्ध की शुरुआत के बाद से, 678 परिवहन विमानों और 129 जहाजों के माध्यम से 76,000 टन से अधिक सैन्य उपकरण इजरायल पहुंचे हैं, जिनमें से अधिकांश अमेरिका से आए हैं. एमके-84 (मार्क-84) 2,000 पाउंड (900 किलोग्राम) का अमेरिकी एयरक्राफ्ट बम है. यह मार्क 80 सीरीज के हथियारों में सबसे बड़ा है. वियतनाम युद्ध के दौरान सेवा में आने के बाद, से इसका इस्तेमाल अमेरिका ने आमतौर पर किया है. यह फिलहाल अमेरिका का छठा सबसे भारी बम है.
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 25 जनवरी को कहा था कि उन्होंने अमेरिकी सेना को निर्देश दिया है कि वह पूर्व राष्ट्रपति जो बाइडेन द्वारा इजरायल को 2,000 पाउंड के बमों की आपूर्ति पर लगाई गई रोक को हटा दें. ट्रंप ने कहा था कि ‘हमने उन्हें बम आज भेज दिया. और वे उन्हें अपने पास रखेंगे. उन्होंने उनके लिए भुगतान किया और वे लंबे समय से उनका इंतजार कर रहे थे.’
पूर्व राष्ट्रपति जो बाइडेन ने इन बमों की डिलीवरी पर रोक लगा दी थी क्योंकि उन्हें चिंता थी कि ये फिलिस्तीनी एन्क्लेव में इजरायल के युद्ध के दौरान नागरिक आबादी, विशेष रूप से गाजा के राफा में, इस्तेमाल हो सकते हैं. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक बाइडेन प्रशासन ने 7 अक्टूबर, 2023 इजरायल पर हमास हमले के बाद इजरायल को हजारों 2,000 पाउंड के बम भेजे थे, लेकिन एक शिपमेंट पर रोक लगा दी थी.