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क्या सुधर रहे हैं नौकरियों के हालात? पिछला साल खत्म होते-होते दे गया एक हैप्पी एंडिंग

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शहरी क्षेत्रों में 15 वर्ष और उससे अधिक आयु के लोगों के लिए बेरोजगारी दर अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में मामूली घटकर 6.4 प्रतिशत रह गई है. राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण कार्यालय (एनएसएसओ) ने एक सर्वेक्षण की रिपोर्ट में यह जानकारी दी. बेरोजगारी दर को श्रम बल में बेरोजगार लोगों के प्रतिशत के रूप में परिभाषित किया जाता है.

पिछले वित्त वर्ष (2023-24) की दिसंबर तिमाही में बेरोजगारी दर 6.5 प्रतिशत थी. हालांकि, क्रमिक रूप से (पिछली तिमाही से) तुलना करने पर यह दर स्थिर रही. 25वें आवधिक श्रम बल सर्वेक्षण (पीएलएफएस) से पता चला है कि चालू वित्त वर्ष (2024-25) की जुलाई-सितंबर तिमाही में शहरी क्षेत्रों में 15 वर्ष और उससे अधिक आयु के लोगों के लिए बेरोजगारी दर 6.4 प्रतिशत के स्तर पर ही थी.

शहरी क्षेत्रों में महिलाओं (15 वर्ष और उससे अधिक आयु) में बेरोजगारी दर अक्टूबर-दिसंबर, 2024 में घटकर 8.1 प्रतिशत रह गई, जो एक साल पहले इसी तिमाही में 8.6 प्रतिशत थी. जुलाई-सितंबर, 2024 में यह दर 8.4 प्रतिशत थी. पुरुषों के मामले में शहरी क्षेत्रों में बेरोजगारी दर अक्टूबर-दिसंबर, 2024 में सालाना आधार पर 5.8 प्रतिशत पर स्थिर रही. जुलाई-सितंबर, 2024 में यह 5.7 प्रतिशत थी.

शहरी क्षेत्रों में वर्तमान साप्ताहिक स्थिति (सीडब्ल्यूएस) में श्रम बल भागीदारी दर अक्टूबर-दिसंबर में बढ़कर 50.4 प्रतिशत हो गई, जो एक साल पहले इसी तिमाही में 49.9 प्रतिशत थी. जुलाई-सितंबर, 2024 में यह दर 50.4 प्रतिशत थी. श्रम शक्ति से अर्थ जनसंख्या के उस भाग से है, जो वस्तुओं और सेवाओं के उत्पादन के लिए आर्थिक गतिविधियों को आगे बढ़ाने हेतु श्रम की आपूर्ति करता है या करने की पेशकश करता है, और इसलिए इसमें नियोजित और बेरोजगार, दोनों प्रकार के व्यक्ति शामिल हैं. एनएसएसओ ने अप्रैल, 2017 में पीएलएफएस की शुरुआत की थी.

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