भारतीय शेयर बाजार में निवेशकों को अगले कुछ सालों तक बड़ी तेजी देखने को नहीं मिलेगी. दिग्गज निवेशक शंकर शर्मा का मानना है कि निफ्टी 50 सितंबर 2024 के उच्च स्तर से अगले 4-5 साल तक कोई खास रिटर्न नहीं देगा. मनीकंट्रोल ग्लोबल वेल्थ समिट 2025 में उन्होंने कहा कि बाजार में सुस्ती लंबी चल सकती है और अब बुल मार्केट की तेजी खत्म हो चुकी है.
शंकर शर्मा ने इस बात पर जोर दिया कि मौजूदा बाजार दौर में सबसे ज्यादा दबाव स्मॉलकैप शेयरों पर रहेगा. उन्होंने कहा कि भारतीय शेयर बाजार में बुल मार्केट का एक चक्र होता है, जो आमतौर पर 5 साल चलता है. मौजूदा बुल रन पहले ही अपने पांचवें साल में पहुंच चुका है, यानी अब यह कमजोर पड़ रहा है. स्मॉलकैप शेयरों ने बीते कुछ सालों में जबरदस्त रिटर्न दिया है, लेकिन अब ये हल्की मंदी में भी बड़ी गिरावट झेल सकते हैं.
लार्जकैप शेयरों में मंदी नहीं, लेकिन ग्रोथ भी नहीं
उन्होंने बताया कि लार्जकैप स्टॉक्स आमतौर पर 50% तक नहीं गिरते, लेकिन इनमें सुस्ती बनी रहती है. यानी निवेशकों को लंबी अवधि तक बड़ी तेजी देखने को नहीं मिलेगी. उन्होंने कहा कि लार्जकैप स्टॉक्स धीरे-धीरे ओवर वैल्यूएशन को सही करेंगे, जिससे बाजार में हल्की गिरावट आती रहेगी.
2030 के बाद नया बुल मार्केट?
शंकर शर्मा का मानना है कि बाजार में लंबी सुस्ती के बाद 2030 तक कोई बड़ा बुल रन देखने को मिल सकता है. उन्होंने इसे ‘लेक रिटर्न थ्योरी’ से समझाया कि किसी भी एसेट क्लास में सीमित रिटर्न का एक भंडार होता है. कोविड के बाद बाजार में जो तेजी आई थी, वह इस थ्योरी के मुताबिक अब खत्म हो चुकी है.