जम्मू-कश्मीर विधानसभा में सोमवार को नए वक्फ कानून को लेकर भारी हंगामा देखने को मिला. हाल ही में संसद में पारित हुए इस कानून को लेकर नेशनल कॉन्फ्रेंस (NC) ने चर्चा की मांग करते हुए विधानसभा में स्थगन प्रस्ताव लाया, लेकिन स्पीकर की तरफ इसकी अनुमति न दिए जाने के बाद सदन में जोरदार बवाल मच गया.
जैसे ही स्पीकर ने कहा कि ‘मामला न्यायालय के अधीन है, इसलिए इस पर चर्चा नहीं की जा सकती…’ नेशनल कॉन्फ्रेंस के विधायक बिफर गए और वेल की ओर बढ़ने लगे. उन्होंने सदन में काली पट्टियां लहराईं और वक्फ अधिनियम के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी. कुछ विधायकों ने विरोध स्वरूप अपनी कॉपियां तक फाड़ दीं. इस दौरान बीजेपी और एनसी के विधायकों के बीच तीखी नोकझोंक और जोरदार नारेबाज़ी भी हुई. सदन के अंदर हाथापाई तक की नौबत आ गई.
वहीं, बीजेपी विधायकों ने जवाब में कहा, ‘जब कानून बन चुका है, तो अब चर्चा क्यों?’ स्पीकर के हस्तक्षेप के बावजूद हंगामा शांत नहीं हुआ, और स्थिति हाथापाई तक पहुंचने की कगार पर आ गई.
एनसी और उसके सहयोगी दलों के विधायकों ने सदन में काले झंडे भी लहराए और चेताया कि जब तक उनकी स्थगन प्रस्ताव को स्वीकार नहीं किया जाएगा, वे चुप नहीं बैठेंगे.
इस पूरे घटनाक्रम पर पीडीपी प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ़्ती ने भी तीखी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने एनसी सरकार पर भाजपा के ‘एंटी-मुस्लिम एजेंडे’ के आगे झुकने का आरोप लगाते हुए कहा कि, ‘जिस पार्टी को बहुमत मिला है, वो जनता से जुड़ी इतनी अहम बात पर चर्चा से भी भाग रहा है. तमिलनाडु सरकार से सबक लें, जिसने वक्फ बिल के खिलाफ प्रस्ताव पारित किया.’
महबूबा ने ट्वीट कर कहा, ‘जम्मू-कश्मीर में जहां मुसलमान बहुसंख्यक हैं, वहां की सरकार इस गंभीर मुद्दे पर बहस से भी डर रही है.’
विधानसभा में हुए इस बवाल ने स्पष्ट कर दिया कि वक्फ कानून को लेकर जम्मू-कश्मीर की सियासत में तनाव और असंतोष चरम पर है.