छत्तीसगढ़ के सुकमा में ACB-EOW की कार्रवाई के खिलाफ आज सुकमा जिला बंद का ऐलान किया गया है. पूर्व विधायक मनीष कुंजाम के खिलाफ कार्रवाई के विरोध में सुकमा बंद का आह्वान किया जा रहा है. बस्तर राज मोर्चा के समर्थकों ने बंद का ऐलान किया है. इस बंद का असर सुकमा जिले में दिख रहा व्यापक दिख रहा है. कोंटा से तोंगपाल तक व्यापारियों ने इसका समर्थन किया है. जिला बंद को कांग्रेस ने भी सपोर्ट किया है. बंद कराने वालों ने प्रदेश सरकार पर द्वेषपूर्ण कार्रवाई का आरोप लगाया है. कुछ दिनों पहले तेंदूपत्ता बोनस घोटाले को लेकर ACB-EOW ने कार्रवाई की थी. इस संबंध में पूर्व विधायक मनीष कुंजाम समेत तेंदूपत्ता प्रबंधकों के घर छापे मारे गए थे. कुछ दिनों पहले ही ACB, EOW ने रायगढ़, जगदलपुर, दंतेवाड़ा, बीजापुर, सुकमा समेत 14 ठिकानों पर छापा मारा था.
क्या है मामला?
सुकमा जिले में तेंदूपत्ता बोनस राशि मामले घोटाले के आरोप लगे थे. ग्रामीण आदिवासी संग्राहकों को लगभग 6 करोड़ रुपए बांटने थे, जिस राशि पर गबन के आरोप लगा था. तेंदूपत्ता बोनस मामले को लेकर मनीष कुंजाम ने शिकायत दर्ज कराई थी. इसके बाद जांच में सुकमा डीएफओ अशोक पटेल पर कार्यवाही करते हुए निलंबित भी किया. 8 मार्च को डीएफओ के घर पर भी एसीबी और EOW की रेड पड़ी थी.
वहीं सुकमा जिले के कांग्रेस नेता और सीपीआई नेताओं ने आरोप लगाया कि ये भाजपा सरकार बदले भी कार्यवाही कर रही है. जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव में सीपीआई भाजपा का समर्थन नहीं करने के कारण उनके घर पर ये जांच टीम भेजी हैं और उनको बदनाम करने की तैयारी की हैं.