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कांग्रेस को चुनाव नतीजों से पहले ही सताने लगा हॉर्स ट्रेडिंग का डर? शिवकुमार को सौंपा गया बाड़बंदी का जिम्मा!

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सहित 5 राज्यों के विधानसभा चुनाव के नतीजे (Assembly Election Results 2023) कल यानी रविवार 3 दिसंबर को साफ हो जाएंगे. हालांकि इससे पहले आए एग्जिट पोल्स के अनुमानों ने सभी दलों की धड़कनें बढ़ा दी हैं. खबर है कि इन चुनाव नतीजों से पहले ही कांग्रेस अलर्ट मोड में आ गई है और उसने पार्टी के ‘संकटमोचक’ कहे जाने वाले डीके शिवकुमार को एक्टिव भी कर दिया है.

इन एग्जिट पोल्स में मध्य प्रदेश में बीजेपी, तो छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार बनने का अनुमान लगाया गया है, जबकि राजस्थान और तेलंगाना में कांटे का मुकाबला दिखा. राजस्थान में जहां कांग्रेस को बीजेपी के खिलाफ थोड़ी बढ़त मिलने का अनुमान है, तो वहीं लगभग सभी एग्जिट पोल्स तेलंगाना में करीब 10 साल बाद कांग्रेस सरकार बनने का दावा कर रहे हैं. हालांकि वह भी सत्ताधारी बीआरएस और विपक्षी कांग्रेस के बीच मुकाबला कांटे का ही दिख रहा है.

शिवकुमार को सौंपा गया बाड़बंदी का जिम्मा
इस बीच अंग्रेजी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया ने अपनी रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से बताया है कि कांग्रेस आलाकमान ने पार्टी के संकटमोचक रहे और कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष डीके शिवकुमार को एक्टिव कर दिया है. खबर के मुताबिक, कांग्रेस ने इन दोनों राज्यों में प्रतिद्वंद्वी दलों बीजेपी और बीआरएस की किसी भी संभावित खरीद-फरोख्त की कोशिश को रोकने के लिए डीके शिवकुमार को पार्टी विधायकों की बाड़बंदी का जिम्मा सौंपा है.

अखबार के कर्नाटक कांग्रेस से जुड़े सूत्रों के हवाले से बताया है कि शिवकुमार और पार्टी की राज्य इकाई को कांग्रेस विधायकों को रखने के लिए ‘कम से कम 2 से 3 रिसॉर्ट या होटल’ तैयार रखने के लिए कहा है. इसके साथ ही उन्हें कुछ अतिरिक्त होटलों की भी व्यवस्था करने का निर्देश दिया गया है, ताकि जरूरत पड़ने पर मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के विधायकों को भी वहां ठहराया जा सके.

अखबार ने एक वरिष्ठ कांग्रेसी के हवाले से बताया कि अगर कांग्रेस तेलंगाना की 119 सीटों में से 70 सीटें जीतती है, तो विधायकों की बाड़ेबंदी की कोई आवश्यकता नहीं होगी. लेकिन अगर हमारी संख्या 70 से नीचे आती है, तो विधायकों को बेंगलुरु लाया जाएगा.’ वहीं राजस्थान में कांग्रेस और बीजेपी के बीच कांटे की टक्कर देखने को मिल सकती है, ऐसे में वहां के विधायकों को भी बेंगलुरु लाने की जरूरत पड़ सकती है.

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