ईरान ने मंगलवार को पाकिस्तान के बलूचिस्तान में आतंकवादी समूह जैश अल-अदल के ठिकानों को निशाना बनाकर हमले किए. ईरान की सरकारी समाचार एजेंसी IRNA के मुताबिक, जैश अल-अदल पर हमले में मिसाइलों और ड्रोन का इस्तेमाल किया गया था. ईरान द्वारा इराक और सीरिया में इसी तरह के हमले किए जाने के एक दिन बाद पाकिस्तान में यह हमला किया गया है.
पाकिस्तान की सीमा के अंदर ईरान द्वारा किए गए इस हमले के बाद इस्लामाबाद ने पड़ोसी देश को ‘गंभीर परिणाम’ की चेतावनी दी है. पाकिस्तान ने ‘अपनी संप्रभुता के इस उल्लंघन की कड़ी निंदा करने के लिए ईरान के प्रभारी राजदूत को विदेश मंत्रालय में तलब किया.
हालांकि यह कोई पहला मौका नहीं जब पाकिस्तान की सीमा में घुसकर किसी देश ने इस तरह से हमला किया है और परमाणु शक्ति संपन्न यह देशभर बस चेतावनी देने के अलावा अब तक कुछ खास करता नहीं दिखा.
जब अमेरिका ने रात के सन्नाटे में घुसकर किया अटैक
पाकिस्तान की सीमा के अंदर हाल के वर्षों में सबसे पहले अटैक अमेरिका ने किया था. अमेरिका ने इस्लामाबाद के पास स्थित एबटाबाद में 2 मई 2011 को एक विशेष अभियान में अलकायद सरगना ओसामा बिन लादेन को मार गिराया था. लादेन आतंकी संगठन अलकायदा का संस्थापक था और अमेरिका उसे 9/11 हमले का जिम्मेदार मानता था. उसके खात्मे के साथ ही अमेरिका ने अपने इतिहास के सबसे बड़े आतंकी हमले का बदला पूरा कर लिया था.