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होम लोन के ब्याज पर बढ़ेगी कर छूट सीमा? सरकार से अपील, जानिए क्या होगा इसका फायदा

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रियल एस्टेट नियामक क्रेडाई ने आवासीय संपत्तियों की मांग को बढ़ावा देने के लिए बजट से पहले सरकार से आवास ऋण पर मूल राशि के साथ-साथ ब्याज भुगतान पर कर छूट सीमा बढ़ाने का आग्रह किया है. कंफेडरेशन ऑफ रियल एस्टेट डेवलपर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (क्रेडाई) ने किफायती आवास की परिभाषा में बदलाव करने की भी मांग की है.

क्रेडाई ने होम लोन के मूलधन के पुनर्भुगतान के लिए धारा 80c के तहत कटौती की मौजूदा सीमा 1.5 लाख रुपये से बढ़ाने की मांग की है. वैकल्पिक रूप से, यह सुझाव दिया गया कि आवास ऋण के मूल पुनर्भुगतान के लिए कटौती को एक अलग या एकल छूट के लिए माना जाना चाहिए.

क्रेडाई की दलील
इसके अलावा, क्रेडाई ने कहा कि किफायती आवास की परिभाषा 2017 में दी गई थी और तब से अभी तक नहीं बदली है. इसके अनुसार, किफायती आवास अधिकतम 45 लाख रुपये का होता है. क्रेडाई का कहना है, “केवल मुद्रास्फीति के कारण पिछले सात साल में रियल एस्टेट की कीमतों में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है.

नेशनल हाउसिंग बैंक (NHB) के आंकड़ों के अनुसार, भारत में जून 2018 से आवास दरों में 24 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जिससे डेवलपर्स के लिए 45 लाख रुपये की मौजूदा सीमा का पालन करना बेहद असंभव हो गया है.” बता दें कि 1 फरवरी को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण अंतरिम बजट पेश करेंगी. आम चुनाव के बाद जुलाई में पूर्ण बजट पेश होगा.

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