जरूरत के समय पैसों का प्रबंध करने के लिए आप कई तरह का लोन ले सकते हैं. अचानक बड़ी रकम की की जरूरत पड़ने पर प्रॉपर्टी लोन (Loan Against Property) भी पैसे जुटाने का एक अच्छा विकल्प है. संपत्ति लोन एक तरह का सेक्योर्ड लोन (Secured Loan) है. इसमें घर, इंडस्ट्रियल या कमर्शियल प्रॉपर्टी को गिरवी रख कर ऋण लिया जाता है. इसे मॉर्गेज लोन भी कहा जाता है. बैंक और वित्तीय संस्थान आमतौर पर प्रॉपर्टी के बाजार मूल्य का 50 फीसदी से 70 फीसदी लोन के रूप में दे देते हैं. प्रॉपर्टी लोन को आसान किस्तों में चुकाया जा सकता है.
प्रॉपर्टी लोन का ब्याज भी (Interest Rate) पर्सनल लोन (Personal Loan) के मुकाबले कम होता है. बैंक प्रॉपर्टी पर लोन देने के लिए ग्राहक की आय, क्रेडिट हिस्ट्री और प्रॉपर्टी की कीमत देखते हैं. अलग-अलग बैंकों की दरें भी भिन्न-भिन्न हैं. इसलिए पहले ब्याज दर की जांच-पड़ताल कर लेना फायदेमंद है.
कितनी है ब्याज दर
बैंक बाजार के अनुसार, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया 10.60 फीसदी से लेकर 11.30 फीसदी की सालाना ब्याज दर पर प्रॉपर्टी लोन (Loan Against Property) लोन देता है. बैंक से आप 7.5 करोड रुपये तक का लोन ले सकते हैं. लोन अवधि 5 साल से 15 साल है. एचडीएफसी बैंक, प्रॉपर्टी की कुल वैल्यू के 60 फीसदी तक लोन देता है. बैंक से लोन 15 साल तक के लिए लिया जा सकता है. बैंक की ब्याज दर 9 फीसदी से 16.50 फीसदी तक है. एक्सिस बैंक पांच लाख से लेकर पांच करोड़ तक का लोन अगेंस्ट प्रॉपर्टी देता है. एचडीएफसी बैंक की ब्याज दर 9.90 फीसदी से 10.30 फीसदी तक है. एचडीएफसी बैंक से लिया प्रॉपर्टी लोन आप 20 साल में चुका सकते हैं.
ये हैं फायदे
प्रॉपर्टी लोन (Loan Against Property) एक सिक्योर्ड लोन है, क्योंकि इसे प्रॉपर्टी के बदले दिया जाता है और इसलिए आपको अधिक लोन राशि आसानी से मिल जाती है. लोन अवधि 20 साल तक होती है, जिससे कम ईएमआई और आसानी से भुगतान करने की सुविधा मिलती है. प्रॉपर्टी लोन में बैलेंस ट्रांसफर की सुविधा भी मिलती है, जिससे आप कम ब्याज दर या बेहतर लोन शर्तों पर अपने मौज़ूदा लोन को किसी अन्य बैंक या वित्तीय संस्थान में ट्रांसफर कर सकते हैं.
टैक्स बेनिफिट
लोन अगेंस्ट प्रॉपर्टी पर दिए गए ब्याज पर आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 37 (1) के तहत टैक्स में छूट मिलती है. यदि लोन राशि का इस्तेमाल नया घर खरीदने के लिए किया जाता है, तो आयकर अधिनियम की धारा 24 के तहत लोन पर दिए गए ब्याज पर आपको टैक्स में 2 लाख रुपये तक की छूट भी मिलेगी.