- शासन की प्राथमिकता वाली सभी योजनाओं का क्रियान्वयन हो बेहतर-उद्योग मंत्री श्री कवासी लखमा
- समाज के अंतिम व्यक्ति को योजनाओं से लाभान्वित करने संवेदनशील पहल करें- आदिम जाति कल्याण मंत्री श्री मोहन मरकाम
- नारायणपुर में पहली बार हुई बस्तर क्षेत्र विकास प्राधिकरण की बैठक
रायपुर (विश्व परिवार)। बस्तर क्षेत्र विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष श्री लखेश्वर बघेल ने कहा कि संभाग के सभी जिलों में मुख्यमंत्री की घोषणाओं, वनाधिकार मान्यता पत्र देवगुड़ियों को सामुदायिक वनाधिकार मान्यता पत्र देने में बहुत अच्छा कार्य किया गया है। उन्होंने कहा कि सभी जनप्रतिनिधियों, अधिकारियों और प्राधिकरण के सदस्यों की महत्वपूर्ण भूमिका के फलस्वरूप बस्तर क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण ने विगत साढ़े 4 वर्षों के दौरान बस्तर के विकास में नये आयाम स्थापित किया है। बविप्रा अध्यक्ष श्री बघेल सोमवार को नारायणपुर जिले के जिला पंचायत के सभाकक्ष में आयोजित बस्तर क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण की बैठक को संबोधित कर रहे थे।
इस अवसर पर उद्योग मंत्री श्री कवासी लखमा ने कहा कि सभी जिलों के कलेक्टर ने प्राधिकरण के अनुशंसित कार्यों को बेहतर ढंग से सम्पादित कर महत्वपूर्ण योगदान दिया है। उन्होंने देवगुड़ी, घोटुल निर्माण सहित उचित मूल्य दुकान, आंगनबाड़ी केंद्र भवन निर्माण, सामाजिक भवन निर्माण कार्यों को जल्द पूर्ण करने पर बल देते हुए कहा कि बस्तर की जनता के हित में शासन की प्राथमिकता वाली सभी योजनाओं का क्रियान्वयन धरातल में स्पष्ट परिलक्षित होनी चाहिए। इस दौरान आदिम जाति कल्याण मंत्री श्री मोहन मरकाम ने कहा कि प्राधिकरण के निर्णयों और कार्यों को समय पर क्रियान्वयन करने के साथ ही राज्य सरकार की योजनाओं से समाज के अंतिम व्यक्ति को लाभान्वित किये जाने के लिए संवेदनशीलता के साथ प्रयास किया जाये। उन्होंने बारिश के बाद सड़क निर्माण तथा सड़क मरम्मत कार्यो को प्राथमिकता के साथ सुनिश्चित किये जाने कहा। बैठक को बस्तर क्षेत्र विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष श्री विक्रम मंडावी और श्री संतराम नेताम ने भी संबोधित कर विकास कार्यों में गति देने और योजनाओं के बेहतर क्रियान्वयन पर जोर दिया। इस दौरान विधायक नारायणपुर श्री चंदन कश्यप ने नारायणपुर जिले की सड़कों की मरम्मत शीघ्र करने पर बल दिया। बैठक में आयुक्त एवं सदस्य सचिव बस्तर क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण श्री श्याम धावड़े ने बस्तर क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण के माध्यम से अब तक किए गये विकास कार्यों को रेखांकित करते हुए बस्तर की सामाजिक-सांस्कृतिक विरासत को सहेजने की दिशा में पुरखती कागजात एवं सामाजिक ताना-बाना पुस्तकों के प्रकाशन की जानकारी दी। संसदीय सचिव व जगदलपुर विधायक श्री रेखचन्द जैन, हस्तशिल्प विकास बोर्ड के अध्यक्ष व विधायक नारायणपुर श्री चंदन कश्यप, दंतेवाड़ा विधायक श्रीमती देवती कर्मा,चित्रकोट विधायक श्री राजमन बेंजाम,अंतागढ़ विधायक श्री अनूप नाग, भानुप्रतापपुर विधायक श्रीमती सावित्री मंडावी, सभी जिलों के जिला पंचायत अध्यक्ष, प्राधिकरण के मनोनीत सदस्य, कमिश्नर और बस्तर क्षेत्र विकास प्राधिकरण के सदस्य सचिव श्री श्याम धावड़े, आई जी श्री सुंदरराज पी.,कांकेर, बस्तर, सुकमा, बीजापुर एवं नारायणपुर जिलों के कलेक्टर, सभी सातों जिले के मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत, वन मंडलाधिकारी, संभाग स्तरीय अधिकारी और एनएमडीसी के अधिकारी उपस्थित थे।
बैठक के दौरान विगत बैठक के निर्णयों के क्रियान्वयन स्थिति की समीक्षा की गई। वहीं बस्तर संभागीय मुख्यालय जगदलपुर में अंत्यावसायी प्रशिक्षण केन्द्र परिसर में सभी जिलों से ऐतिहासिक बस्तर दशहरा पर्व के दौरान आने वाले देव विग्रहों सहित लोगों के ठहरने हेतु पृथक-पृथक विश्रामगृह बनाने का निर्णय लिया गया। वहीं नगरीय निकायों के अंतर्गत स्थित देवगुड़ी एवं मातागुड़ी का सामुदायिक वनाधिकार मान्यता पत्र प्रदाय करने की सहमति व्यक्त की गई। इसके साथ ही विधायकों तथा सदस्यों द्वारा प्रस्तुत प्रस्तावों पर विचार कर स्वीकृति प्रदान करने की सहमति जताई गई।
एजेंडानुसार आदिवासी संग्रहालय के लिए गीदम रोड में स्थित आदिम जाति कल्याण विभाग के रिक्त जमीन को विकसित करने पर चर्चा किया गया। दन्तेवाड़ा जिले के लाल पानी प्रभावित ग्रामों में जलप्रदाय कार्य की आगामी बैठक से पूर्व निराकरण करने के निर्देश दिए। राष्ट्रीय राजमार्ग के अधिकारी को राष्ट्रीय राजमार्ग के मरम्मत सहित राजमार्ग में स्थित शहरों में लाईटिंग की व्यवस्था को दूरूस्त करवाने और अंतागढ़ से नारायणपुर राज्यमार्ग निर्माण के लिए आवश्यक निविदा प्रक्रिया पूर्ण कर निर्माण शुरू करने के निर्देश दिए गए। सदस्यों ने बैगा, सिरहा, गुनिया, मांझी, पुजारी लोगों का राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत प्रोत्साहन राशि प्रदाय स्थिति की जानकारी पंचायत सचिव एवं सरपंच-कोटवारों के जरिये दिये जाने कहा। वहीं स्कूलों में दर्ज संख्या के अनुरूप शिक्षकों की पदस्थापना किये जाने पर बल दिया। एजेंडावार समीक्षा की गई।