इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट के कार्गो टर्मिनल से जब्त किए सैकड़ों सिमकार्ड का सीधा कनेक्शन उत्तर प्रदेश के आगरा शहर से मिला है. चंद सिक्कों के लालच में कुछ लोगों ने आगरा के सैकड़ों लोगों को इस अंतर्राष्ट्रीय साजिश का हिस्सेदार बना दिया है. आईजीआई एयरपोर्ट पुलिस जैसे-जैसे इस मामले की गहराई पर जा रही है, वैसे-वैसे अंतर्राष्ट्रीय साजिश से जुड़े कई राज सामने आ रहे हैं. अब तक, इस मामले में आईजीआई एयरपोर्ट पुलिस चार गिरफ्तारियां कर चुकी है, जिसमें तीन गिरफ्तारियां आगरा, तो एक गिरफ्तारी राजस्थान के जैसलमेर शहर से की गई है.
डीसीपी ऊषा रंगनानी के अनुसार, सर्विस प्रोवाइडर के जरिए पुलिस को पता चला कि कार्गो टर्मिनल से बरामद किए गए एयरटेल, जियो और वीआई कंपनी के सभी सिम कार्ड आगरा के अलग-अलग पीओएस सेंटर से खरीदे गए थे. इसके अलावा, ये सभी सिम कार्ड आगरा के लोहा मंडी इलाके या इसके समीपवर्ती इलाकों में रहने वाले लोगों के नाम पर रजिस्टर्ड हैं. जांच में यह भी पता चला कि लोहा मंडी में रहने वाले मुकुल कुमार ने इलाके की जूता फैक्टरी में काम करने वाले मजदूरों के साथ-साथ कुछ अन्य लोगों को 200 रुपए का लालच देकर उनके नाम पर मोबाइल सिम कार्ड इश्यू करा लिया.
उन्होंने बताया कि मुकुल कुमार ने 300 रुपए में सभी सिमकार्ड आगरा के जगदीशपुरा इलाके में रहने वाले हेमंत और कन्हैया को बेच दिए. वहीं, इन दोनों ने 500 रुपए में ये सिम कार्ड राजस्थान के जैसलमेर निवासी अनिल कुमार को बेच दिए. जिसके बाद, पुलिस ने छापेमारी कर मुकुल कुमार, हेमंत, कन्हैया और अनिल कुमार को गिरफ्तार कर लिया है. पूछताछ में अनिल कुमार ने पुलिस को बताया कि कुछ लोगों ने टेलीग्राम एप के जरिए संपर्क कर एक्टिव मोबाइल सिम कार्ड की मांग की थी. उसे हर सिम कार्ड के एवज में 1300 रुपए मिलते थे. वियतनाम से यह राशि चाइनीज क्रिप्टो करेंसी एप के जरिए उसके एकाउंट में भेजी जाती थी.
उल्लेखनीय है कि इस चाइनीज क्रिप्टो करेंसी एप को कुछ समय पहले ही भारत सरकार ने बैन किया है. पूछताछ के दौरान आरोपी अनिल कुमार ने पुलिस को यह भी बताया कि इन सिम कार्ड का इस्तेमाल गेमिंग एप के साथ साथ सोशल मीडिया साइट में इच्छुक लोगों के लाइक्स और फॉलोवर्स को बढ़ाने के लिए किया जाता था. अनिल के बयानों में कितनी सच्चाई है, यह पता लगाने का प्रयास पुलिस कर रही है. वहीं अनिल की निशानदेही पर पुलिस 200 अतिरिक्त एक्टिव मोबाइल सिम कार्ड बरामद किए हैं. वहीं, मोबाइल सिम कार्ड कहां से और कैसे बरामद हुए, जानने के लिए