प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने शनिवार प्रतिबंधित पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) के तीन कथित सदस्यों को धन शोधन के आरोपों पर गिरफ्तार किया है. सूत्रों के अनुसार, अब्दुल खादर पुत्तूर, अंशद बदरुद्दीन और फिरोज के पीएफआई के लिए फिजिकल ट्रेनर के रूप में काम कर रहे थे, उन्होंने कहा कि उन्हें मनी लॉन्ड्रिंग (PMLA) के तहत गिरफ्तार किया गया था.जांच एजेंसी ने गिरफ्तार आरोपियों को शनिवार को नई दिल्ली की एक विशेष अदालत में पेश किया. जांच एजेंसी ने तीनों आरोपियों पर पीएफआई (PFI) कैडर को ‘आर्म्स ट्रेनिंग’ देने और प्रतिबंधित संगठन से पैसे लेने का आरोप लगाया है. पीएफआई को आतंकवादी गतिविधियों के साथ कथित संबंधों को लेकर सितंबर 2022 में केंद्र द्वारा गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के प्रावधानों के तहत प्रतिबंधित कर दिया गया था.
गौरतलब है कि इससे पहले भी दिल्ली की एक अदालत ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) के पांच कथित प्रमुख अधिकारियों को पुलिस हिरासत में भेजा था. ईडी ने इनपर आतंकवादी गतिविधियों में शामिल होने का आरोप लगाया था. ईडी ने पांचों को तिहाड़ जेल से गिरफ्तार किया था. पुलिस ने बताया कि ये जेल से ऑपरेट कर रहे थे.
इन प्रमुख सदस्यों में पीएफआई के संस्थापक सदस्यों में से एक ए एस इस्माइल, कर्नाटक अध्यक्ष मोहम्मद शाकिफ, 2020 तक राष्ट्रीय सचिव रहे अनीस अहमद, राष्ट्रीय सचिव अफसर पाशा और ईएम हैं. अब्दुल रहमान, जो अभी राष्ट्रीय उपाध्यक्ष था और एक प्रतिबंधित संगठन स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (सिमी) से भी जुड़े था. मालूम हो कि पीएफआई संगठन की स्थापना 2006 में केरल में हुआ था. इसका मुख्यालय दिल्ली में था.