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इकोनॉमिक्स में MA, UK से MBA, UNIDO में रहे डिप्टी सेक्रेटरी, अब मिली ये बड़ी जिम्मेदारी

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संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) के जरिए IAS, IPS और IFS ऑफिसर बनते हैं. लेकिन IAS Officer बनने के लिए उम्मीदवारों को यूपीएससी सिविल सेवा की परीक्षा में अच्छी रैंक लानी होती है. आईएएस बनने के बाद पहली पोस्टिंग असिस्टेंट सेक्रेटरी के रूप में होती है. इसके बाद प्रमोशन पाकर किसी भी मंत्रालय के सेक्रेटरी के पद तक पहुंचते हैं. लेकिन इस पद तक बहुत ही कम लोग आ पाते हैं. इन्हीं में से एक हैं 1987 बैच के आईएएस ऑफिसर तुहिन कांता पांडे (IAS Tuhin Kanta Pandey), जिन्हें केंद्र सरकार ने फाइनेंस सेक्रेटरी (Finance Secretary) के पद पर नियुक्त किया गया है.

IAS तुहिन कांता पांडे ओडिशा कैडर के 1987 बैच के अधिकारी हैं. उनकी यह नियुक्ति टी.वी. सोमनाथन को कैबिनेट सेक्रेटरी के पद पर पदोन्नत किए जाने के बाद हुई है. वित्त मंत्रालय के तहत एक महत्वपूर्ण विभाग, निवेश और सार्वजनिक संपत्ति प्रबंधन विभाग (DIPAM) के सचिव के रूप में अपने कार्यकाल के बाद पांडे ने वित्त सचिव के रूप में कार्यभार संभाला है.

यहां से की इकोनॉमिक्स में MA 
तुहिन कांत पांडे (IAS Tuhin Kanta Pandey) ओडिशा कैडर के 1987 बैच के IAS Officer हैं. पांडे ने पंजाब विश्वविद्यालय, चंडीगढ़ से इकोनॉमिक्स में एम.ए. और यू.के. से एम.बी.ए. किया है. उन्होंने ओडिशा सरकार और भारत सरकार में विभिन्न पदों पर कार्य किया है. अपने करियर के शुरुआती दौर में उन्होंने क्रमशः ओडिशा राज्य वित्त निगम (OSFC) और ओडिशा लघु उद्योग निगम (OSIC) के एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर और मैनेजिंग डायरेक्टर के रूप में कार्य किया है.

UNIDO में रह चुके हैं डिप्टी सेक्रेटरी
पांडे संबलपुर जिले के कलेक्टर और जिला मजिस्ट्रेट थे. उन्होंने भारत सरकार में कॉमर्स डिपार्टमेंट में डिप्टी सेक्रेटरी के रूप में कार्य किया है. बाद में उन्हें संयुक्त राष्ट्र औद्योगिक विकास संगठन (UNIDO) के क्षेत्रीय कार्यालय में प्रतिनियुक्त किया गया. केंद्रीय प्रतिनियुक्ति से लौटने पर उन्होंने सामान्य प्रशासन विभाग के विशेष सचिव, परिवहन आयुक्त, साथ ही स्वास्थ्य सचिव और वाणिज्यिक कर आयुक्त के रूप में काम किया है. वर्ष 2009 में पांडे को पांच साल के लिए योजना आयोग में संयुक्त सचिव के रूप में नियुक्त किया गया.

कांता के समय हुआ था एयर इंडिया का डील
वित्त सचिव बनाए जाने से पहले पांडे ने DIPAM के सचिव के रूप में कार्य किया है, जिस पद पर वे वर्ष 2019 से थे. अपने कार्यकाल के दौरान पांडे ने भारत के प्रमुख विनिवेश कार्यक्रमों की देखरेख की, जिसका उद्देश्य केंद्र सरकार की फर्मों के मूल्य को अधिकतम करना था. DIPAM में उनके कार्यकाल में एयर इंडिया की ऐतिहासिक बिक्री शामिल थी. जनवरी 2022 में टाटा समूह को एयर इंडिया का सफल विनिवेश उनके नेतृत्व में सबसे हाई-प्रोफाइल लेन-देन में से एक था. DIPAM में अपनी भूमिका के अलावा, पांडे ने वर्ष 2021 में नागरिक उड्डयन मंत्रालय के सचिव के रूप में कुछ समय के लिए अतिरिक्त प्रभार संभाला.

अपनी केंद्र सरकार की भूमिकाओं से पहले पांडे ने ओडिशा राज्य में महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया है. इनमें वित्त विभाग के प्रधान सचिव का पद शामिल है. इस भूमिका में उन्होंने राज्य के वित्त की देखरेख की और इसके बजट का प्रबंधन किया, जिससे महत्वपूर्ण नीतिगत सुधारों और वित्तीय प्रबंधन में सुधार में योगदान मिला. ओडिशा और नेशनल लेवल पर पांडे का काम उनके अनुभव और सार्वजनिक वित्त और आर्थिक प्रशासन की गहरी समझ को बताता है.