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तूफान की तबाही वाली रफ्तार… उड़ गए हजारों घर और मकान… 154 साल पहले बर्बाद हो गया था बंगाल

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कोलकाता: इन दिनों बंगाल की खाड़ी में चक्रवात तूफान का असर है. पश्चिम बंगाल में बारिश भी हो रही है, मौसम दुर्गा पूजा के उमंग पर पानी फेरते हुए दिख रहा है. लेकिन यह खबर अभी के मौसम के बारे में है. जब पश्चिम बंगाल में इसी अक्टूबर महीने में एक चक्रवात तूफान आया था और हजारों लोगों की जिंदगी तबाह कर गया. हम बात कर रहे हैं 5 अक्टूबर 1864 की. पूर्वी मेदिनीपुर में खेजुरी आयात और निर्यात के मुख्य केंद्रों में से एक था. लेकिन इस क्षेत्र को हमेशा समुद्री तूफ़ानों का सामना करना पड़ा.

160 साल पहले 5 अक्टूबर को बंगाल में तबाही मची थी. उस दिन आए चक्रवात से बंगाल का एक बड़ा इलाका तबाह हो गया था. उस दिन कोलकाता में भयानक स्थिति थी. कोलकाता में बाढ़ आ गई थी. एक रिपोर्ट में दावा किया गया था कि उस चक्रवात में करीब 60,000 लोगों की जान चली गई थी. बाढ़ का पानी कम होने के बाद भी, कई लोगों ने संक्रमण और बीमारी से अपनी जान गंवा दी थी.

बह गए थे हजारों घर
यह दिन इतिहास में एक काले दिन की तरह है. तूफ़ान में कई आम लोगों की मौत हो गई. उस दिन हाई कोर्ट, टेलीग्राफ दफ्तर बिल्डिंग, जेल समेत कई सरकारी संपत्तियों को नुकसान पहुंचा था. तूफान की तीव्रता के कारण जल स्तर 40 फीट तक बढ़ गया, उस दिन लगभग 100 फूस के घर और हजारों मिट्टी के घर पूरी तरह बह गए.

उस दिन आए तूफ़ान में पूरा खजूरी बंदरगाह समुद्र में डूब गया था. आधिकारिक दस्तावेज कहते हैं कि उस दिन 32 लोगों को डकैती के एक मामले में गवाही देने के लिए कोलकाता ले जाया जा रहा था. उन्होंने सड़क पर तूफान का सामना किया. बाद में 32 लोगों में से केवल 2 ही जीवित बचे. तूफान के दौरान करीब 600 मिलीमीटर बारिश हुई. खजूरी से महज 8 किमी दूर स्थित कौखली गांव में उस दिन 13 फीट के लाइट हाउस की ऊंचाई के बराबर पानी भर गया था.