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चीन के कान में पड़ी ये रिपोर्ट तो गम में डूब जाएंगे शी जिनपिंग, चाइनीज़ कंपनियां भी कर रहीं भारत पर भरोसा

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मोबाइल फोन मैन्युफैक्चरिंग में भारत काफी तेजी से आगे बढ़ रहा है. समझा जाता है कि जल्द ही देश को मोबाइल फोन आयात करने की जरूरत नहीं पड़ेगी. ऐपल, सैमसंग, और गूगल जैसी बड़ी कंपनियों ने भारत में अपने प्रीमियम फोन बनाना शुरू कर दिया है. अब लगभग सभी मोबाइल फोन भारत में ही बनाए जा रहे हैं. यहां तक कि चीन की कंपनियां भी भारत में ही फोन बनाना पसंद कर रही हैं. इस रिपोर्ट को देखकर चीन की सरकार में जरूर खलबली मचेगी.

यह जानकारी एक रिपोर्ट से सामने आई है, जिसमें कुछ अधिकारियों का हवाला दिया गया है. हालांकि जानकारी देने वाले अधिकारी कौन हैं? किस विभाग से हैं और किस पद पर हैं, इस बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई है. इकॉनमिक्स टाइम्स में इसी रिपोर्ट के आधार पर छपी खबर के मुताबिक, भारत में स्थानीय स्तर पर उत्पादन में वृद्धि के कारण आयात की आवश्यकता पहले से ही काफी कम हुई है.

कौन-कौन से ब्रांड भारत में बना रहे फोन?
हाल ही में ऐपल ने भारत में iPhone Pro और Pro Max मॉडलों का निर्माण शुरू किया है. इसी के साथ गूगल ने भी अपना Pixel 8 की मैन्युफैक्चरिंग भी यहीं शुरू कर दी. सैमसंग पहले से ही अपने सभी उपकरणों का निर्माण भारत में कर रहा है, जिनमें प्रीमियम मॉडल जैसे S24, फ्लिप और फोल्ड डिवाइस भी शामिल हैं.

इतना ही नहीं, चीनी कंपनियां जैसे ओप्पो, वीवो, शाओमी और रियलमी भी भारत में अपने फोन बना रही हैं. साथ ही, देशी ब्रांड्स जैसे लावा और माइक्रोमैक्स भी इस दौड़ में शामिल हैं. रिपोर्ट के अनुसार, भारत में बिकने वाले 99% मोबाइल फोन का उत्पादन यहीं किया जा रहा है, और बाकी 1% का भी जल्द ही घरेलू आपूर्तिकर्ताओं द्वारा उत्पादन किया जाएगा.

आयात की मांग और ज्यादा घटेगी
रिपोर्ट में एक उद्योग विशेषज्ञ ने अनुमान लगाया है कि वित्तीय वर्ष 2024-25 के अंत तक स्मार्टफोन आयात की मांग घटकर केवल 0.25% रह जाएगी. रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि वित्तीय वर्ष 2023-24 तक भारत में बेचे गए कुल स्मार्टफोन्स में से केवल 3% आयात किए गए थे, जिनमें ज्यादातर iPhone Pro मॉडल और Google Pixel शामिल थे, जो अब भारत में ही निर्मित हो रहे हैं.

लेकिन यह सिर्फ आत्मनिर्भरता की बात नहीं है. भारत सेलुलर और इलेक्ट्रॉनिक्स संघ (ICEA) के अध्यक्ष पंकज मोहिन्द्रू का कहना है, “हमें 100% घरेलू उत्पादन हासिल करने पर गर्व है, लेकिन हम यहां रुकने वाले नहीं हैं. हम 500 बिलियन डॉलर के इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पादन का लक्ष्य लेकर आगे बढ़ रहे हैं. हमारा उद्देश्य है कि भारत को इलेक्ट्रॉनिक्स निर्यात के लिए एक कॉस्ट-कंपीटिटिव मैन्युफैक्चरिंग डेस्टिनेशन में बदलें.”

भारत में मोबाइल निर्माण के बढ़ने के कारण क्या हैं?
भारत में मोबाइल निर्माण में इस वृद्धि का श्रेय स्मार्टफोन उत्पादन-लिंक्ड इंसेंटिव (PLI) योजना को जाता है, जिसे वित्तीय वर्ष 2020-21 में शुरू किया गया था. इस योजना को बाद में संशोधित किया गया और छह साल तक बढ़ाया गया, क्योंकि कोविड-19 की बाधाओं के कारण अधिकांश लाभार्थी पहले साल के लक्ष्यों को पूरा करने में विफल रहे थे, सिवाय सैमसंग के.

अब, इस योजना के तहत भारत में मोबाइल निर्माण और भी तेजी से बढ़ रहा है, जिससे देश न सिर्फ आत्मनिर्भर बन रहा है बल्कि वैश्विक स्तर पर भी अपनी धाक जमाने की तैयारी में है.

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