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क्या राष्ट्रपति बदलने पर सुप्रीम कोर्ट के जज भी बदल जाते हैं? डोनाल्ड ट्रंप के आने से पहले क्यों उठी मांग

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वाशिंगटन: डोनाल्ड ट्रंप अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव जीत चुके हैं. वह अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति बनेंगे. अगले निर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 20 जनवरी, 2025 को शपथ लेंगे. लेकिन इससे पहले अमेरिका में एक नई बहस छिड़ गई है. कई लोगों ने सुप्रीम कोर्ट के जज को बदलने के मांग रख दी है. कुछ लोगों ने यह मांग की है कि राष्ट्रपति जो बाइडेन को नव-निर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के पदभार ग्रहण करने से पहले सुप्रीम कोर्ट के नए जज की घोषणा करनी चाहिए. हालांकि सुप्रीम कोर्ट की न्यायाधीश सोनिया सोटोमोर ने स्पष्ट कर दिया है कि उनकी पद छोड़ने की कोई योजना नहीं है.

CNN की रिपोर्ट के अनुसार जज के एक करीबी व्यक्ति ने कहा, “उनका स्वास्थ्य बहुत अच्छा है और अदालत को उनकी पहले से कहीं अधिक जरूरत है.” कुछ प्रोगरेसिव ने सुझाव दिया है कि सुप्रीम कोर्ट में सबसे वरिष्ठ उदारवादी सोटोमायर को पद छोड़ देना चाहिए ताकि बाइडेन जनवरी में ट्रंप के पदभार ग्रहण करने से पहले छोटी अवधि में उनकी जगह किसी और का नाम तय करने का प्रयास कर सकें.

सोटोमायर के रिटायर होने की संभावना पर महीनों से चर्चा चल रही है ताकि बाइडेन किसी उत्तराधिकारी का नाम तय कर सकें और यह सुनिश्चित कर सकें कि सीट उदारवादी विंग के लिए एक विश्वसनीय वोट बनी रहे. CNN के एक कानूनी विश्लेषक ने सुझाव दिया कि उपराष्ट्रपति कमला हैरिस को सोनिया सोटोमायोर की जगह अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट में नामित किया जा सकता है.

क्या ट्रंप बदल सकते हैं जज?
अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट में नौ सदस्यीय जजों की नियुक्ति राष्ट्रपति और अमेरिकी सीनेट द्वारा की जाती है. अमेरिकी राष्ट्रपति किसी भी जज को सुप्रीम कोर्ट के लिए नॉमिनेट कर सकते हैं. जिसके बाद से सीनेट में उसके नाम पर वोटिंग की जाती है. इसमें मिले वोटों से ही तय होता है कि नॉमिनेटेड व्यक्ति अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट का जज बनेगा या नहीं. राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भी रिपब्लिकन हैं और उनकी पार्टी ने सीनेट में भी बहुमत हासिल कर ली है. ऐसी स्थिति में वे जिसे चाहें उसे सुप्रीम कोर्ट में जज बना सकते हैं.

जज बदलने की क्यों उठ रही है मांग?
मीडिया रिपोर्ट की मानें तो निवर्तमान अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन मौजूदा एसोसिएट जस्टिस 70 वर्षीय लिबरल सोनिया सोटोमोर को इस्तीफा देने के लिए मना सकते हैं. इसके बाद उनकी जगह पर कमला हैरिस को नियुक्‍त किया जा सकता है. दरअसल, जस्टिस सोटोमोर काफी बुजुर्ग हो गई हैं. उनकी तबियत नासाज रहती है और उन्हें टाइप 1 डायबिटीज भी है.

कमला हैरिस को जज बनाने की मांग क्यों?
अब सवाल आता है कि कमला हैरिस को सुप्रीम कोर्ट में जज बनाने की मांग क्यों उठ रही है. दरअसल कमला हैरिस के पास डॉक्टर ऑफ लॉ की डिग्री है. इसले अलावा उन्होंने अभियोक्ता कार्यालय, मेयर कार्यालय और वकीलों के लिए काम किया है. वे 2011 और 2017 के बीच सैन फ्रांसिस्को डिस्ट्रिक्ट अटॉर्नी और कैलिफोर्निया अटॉर्नी जनरल के रूप में भी काम कर चुकी हैं.