देश की आंतरिक सुरक्षा के लिए खतरा बन चुके लोगों की पहचान दिल्ली पुलिस ने तेज कर दी है. अब तक की कवायद में 400 से अधिक लोग ऐसे हैं, जिन पर संदेह की तलवार लटक रही हैं. जल्द ही इनकी असलियत क्या है, इसका फैसला हो जाएगा और फिर इनको इनकी सही जगह पहुंचाने की कवायद पूरी हो जाएगी.
फिलहाल, दिल्ली पुलिस के दो अगल-अलग जिलों में 15 ऐसे लोगों की पहचान पूरी कर ली गई है, जो ना केवल घुसपैठ कर भारतीय सीमा में दाखिल हुए थे, बल्कि गैर कानूनी तरीके से दिल्ली के अलग-अलग इलाकों में रह रहे थे. इनमें सात लोग दिल्ली के दक्षिण जिले में छिपे हुए थे और 8 लोग दक्षिण-पश्चिम जिले में अपनी पहचान बदल कर लंबे समय से रह रहे थे.
400 लोगों की संदेह में है पहचान
दक्षिण-पश्चिम जिला पुलिस उपायुक्त सुरेंद्र चौधरी के अनुसार, गैर कानूनी तरीके से रह रहे बांग्लादेशी नागरिकों की पहचान के लिए पूरे जिले में स्पेशल ऑपरेशन चलाया जा रहा है. ऑपरेशन के तहत, डोर-टू-डोर जाकर लोगों का उनका वैरिफिकेशन किया जा रहा है. अब तक 400 ऐसे लोगों के नाम सामने आए हैं, जिनकी पहचान संदेह के घेरे में है.
इस सभी लोगों के दस्तावेज पश्चिम बंगाल से जारी किए गए हैं. इन दस्तावेजों के सत्यापन के लिए एक स्पेशल पुलिस टीम का गठन कर पश्चिम बंगाल भेजा गया है. अभियान के तहत, अब तक एक ही परिवार के आठ बांग्लादेशी नागरिकों की पहचान कर ली गई है. इसमें बांग्लादेश के मदारीपुर मूल का जहांगीर, उसकी पत्नी और छह बच्चे शामिल हैं.
दक्षिण दिल्ली से डिपोर्ट हुए सात बांग्लादेशी
दक्षिण जिला पुलिस उपायुक्त अंकित चौहान के अनुसार, दक्षिण जिला इलाके में गैरकानूनी तरीके से रह रहे बांग्लादेशी नागरिकों की पहचान और उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के लिए एक विशेष अभियान चलाया जा रहा है. फिलहाल, दक्षिण जिला में गैरकानूनी तरीके से रह रहे सात बांग्लादेशी नागरिकों की पहचान कर उन्हें एफआरआरओ की मदद से डिपोर्ट कर दिया गया है. डिपोर्ट किए गए लोगों में मोहम्मद उमर फारुक, रियाज मियां उर्फ रेमन खान सहित पांच महिलाएं भी शामिल हैं.