पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की निधन के बाद से ही अंतिम संस्कार से लेकर स्मारक तक विवादों में रहा. कांग्रेस लगातार पूर्व पीएम के निधन पर राजनीति करने के लिए केंद्र सरकार पर लगातार हमला करती रही है. लेकिन, मोदी सरकार ने चौंकाते हुए पूर्व पीएम मनमोहन सिंह के स्मृति स्थल के निर्माण के स्थल की घोषणा कर दी है. मोदी सरकार ने मनमोहन सिंह के 1.5 एकड़ जमीन चिह्नित की है. डॉ सिंह का स्मारक राष्ट्रीय राजधानी के राष्ट्रीय स्मृति परिसर में कराया जाएगा. ये वहीं जगह है, जहां पर पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के लिए समाधि बनाया जा रहा है.
डॉ सिंह के स्मारक के लिए आवास और शहरी मामलों ने चिह्नित जगह की जानकारी दी है. मंत्रालय ने आधिकारिक तौर पर दिवंगत प्रधानमंत्री के परिवार को इस फैसले के बारे में सूचित किया है. उनसे ट्रस्ट पंजीकृत करने का अनुरोध किया है. सार्वजनिक जमीन की आवंटन के लिए एक अनिवार्य आवश्यकता है, ताकि प्रक्रिया औपचारिकताएं पूरी की जा सकें. इस महीने की शुरुआत में, केंद्र द्वारा सिंह के लिए एक स्मारक की घोषणा के बाद सरकारी अधिकारियों ने राष्ट्रीय स्मृति का दौरा किया था.
परिवार की तरफ से नहीं आया रिएक्शन
सिंह के परिवार से साइट का निरीक्षण करने का अनुरोध किया गया है. हालांकि, सूत्रों से पता चला कि उन्होंने अभी तक ऐसा नहीं किया है. उन्होंने कहा कि चूंकि परिवार शोक में है, इसलिए सदस्यों ने सरकार की पेशकश पर कोई निर्णय नहीं लिया है. मनमोहन सिंह की समाधि स्थल के लिए खूब विवाद हुआ था. केंद्र ने कांग्रेस पर दिग्गज नेता की मौत के बाद राजनीति करने का आरोप लगाया था. तो कांग्रेस ने भी सरकार पर हमला बोलते हुए ‘अपमान’ करने का आरोप लगाया था.
परिवार तय करेगा
बताया जा रहा है कि मेमोरियल के निर्माण में समय लगने की संभावना है. केंद्र ने बताया कि परिवार से इस बात पर चर्चा की जाएगी कि वे किस तरह का स्मारक बनाना चाहते हैं. इसके बाद परिवार सरकार को सूचित करेगे.
माननीयों के लिए बनता है स्मारक
राष्ट्रीय स्मृति को यमुना तट पर राष्ट्रपतियों, उप-राष्ट्रपतियों, प्रधानमंत्रियों और पूर्व राष्ट्रपतियों, पूर्व उप-उपराष्ट्रपतियों और पूर्व प्रधानमंत्रियों के अंतिम संस्कार और स्मारकों के लिए एक सामान्य स्थल के रूप में विकसित किया गया था. वर्तमान में, परिसर में पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी, पी वी नरसिम्हा राव, चंद्रशेखर और आई के गुजराल सहित सात नेताओं के स्मारक हैं. शेष दो स्थल अब मनमोहन सिंह और प्रणब मुखर्जी के लिए निर्धारित किए गए हैं.
तीन जनवरी को ही जगह तय की गई
शहरी मामलों के सचिव के श्रीनिवास सहित अधिकारियों ने 2 जनवरी को राष्ट्रीय स्मृति परिसर का दौरा किया था. बाद में उस शाम, उन्होंने पूर्व पीएम के परिवार के सदस्यों से मुलाकात की. यह भी बताया गया कि सरकार स्मारक बनाने वाले ट्रस्ट को जमीन आवंटित करने से पहले परिवार की सहमति लेगी. अधिकारियों ने बताया कि अब तक राष्ट्रीय स्मृति स्थल पर केवल समाधि ही बनी है तथा वहां कोई भवन नहीं बनाया जा सकता.