भारत का हाई-स्पीड मुंबई-अहमदाबाद कॉरिडोर और देरी का सामना कर रहा है. TOI की एक खबर के अनुसार, रेलवे मंत्रालय 280 किमी/घंटा की गति चलने वाली वंदे भारत ट्रेनों के लिए सिग्नलिंग सिस्टम खरीदने पर ध्यान केंद्रित कर रहा है.
मूल रूप से 2026 तक सूरत-बिलिमोरा सेक्शन पर शिंकानसेन बुलेट ट्रेनों की शुरुआत की उम्मीद थी, लेकिन अब इस योजना में देरी हो रही है और ये विशेष जापानी ट्रेनें 2030 तक नहीं आ सकतीं, जबकि कॉरिडोर पर पूरी तरह से संचालन 2033 तक ही संभव होगा.
इस बीच, नेशनल हाई स्पीड रेल कॉर्पोरेशन (NHRSCL) ने यूरोपियन ट्रेन कंट्रोल सिस्टम (ETCS) लेवल-2 के लिए एक टेंडर प्रकाशित किया है, जो वंदे भारत ट्रेनों को कॉरिडोर पर चलाने की अनुमति देगा.
यह सिग्नलिंग सिस्टम जापानी DS-ATC से अलग है, जो शिंकानसेन के लिए उपयोग किया जाता है. ETCS-2 सिस्टम का कॉन्ट्रैक्ट सात साल तक चलेगा, और वंदे भारत ट्रेनें 2027 तक ट्रैक पर सेवा शुरू कर देंगी. सूत्रों का कहना है कि जबकि कॉरिडोर का इंफ्रास्ट्रक्चर उपयोग में होगा तब जापानी सिग्नलिंग सिस्टम को वंदे भारत ट्रेनों के संचालन के बाद भी स्थापित किया जा सकता है.