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‘एक स्टेशन एक उत्पाद’ योजना में 1037 स्टेशनों पर 1134 ओएसओपी आउटलेट चालू

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भारतीय रेलवे द्वारा शुरू की गयी योजना ‘एक स्टेशन एक उत्पाद’ (ओएसओपी) में सबसे आगे दो राज्‍य हैं, जहां पर 146- 146 आउटलेट में उत्‍पादों का प्रदर्शन किया जा रहा है. इसमें तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल हैं. पूरे देश में 9 नवंबर तक कुल 1037 स्टेशनों पर 1134 ओएसओपी आउटलेट चालू हैं.

इस योजना का उद्देश्‍य( रेलवे स्टेशनों पर बिक्री आउटलेट के प्रावधान के माध्यम से स्थानीय कारीगरों, कुम्हारों, बुनकरों/हथकरघा बुनकरों, शिल्पकारों आदि को कौशल विकास के माध्यम से बढ़ी हुई आजीविका के अवसर प्रदान करना है. पायलट प्रोजेक्ट 25 मार्च 2022 को 19 स्टेशनों पर 15 दिनों के लिए लॉन्च किया गया था.

इस योजना के तहत, भारतीय रेलवे स्वदेशी/स्थानीय उत्पादों को प्रदर्शित करने, बेचने और उच्च दृश्यता देने के लिए एनआईडी/अहमदाबाद द्वारा विकसित डिजाइन के अनुसार स्टेशनों पर विशिष्ट रूप, अनुभव और लोगो के साथ विशिष्ट रूप से डिजाइन किए गए बिक्री आउटलेट प्रदान कर रहा है. आवंटन उन सभी आवेदकों को निविदा प्रक्रिया द्वारा किया जाता है, जो स्टेशनों पर लॉटरी के माध्यम से रोटेशन के आधार पर योजना के उद्देश्यों को पूरा करते हैं.

पिछले सप्‍ताह तक कुल 39,847 प्रत्यक्ष लाभार्थियों ने इस योजना के तहत दिए जा रहे अवसरों का लाभ उठाया है. प्रति आवंटन 5 की दर से अप्रत्यक्ष लाभार्थियों को मानते हुए, कुल लाभार्थी की संख्‍या 1,43,232 अनुमानित है. कुल 49.58 करोड़ रुपये की बिक्री दर्ज की गई है.

इसमें स्थानीय कारीगरों, बुनकरों, शिल्पकारों, जनजातियों द्वारा बनाई गई कलाकृतिया, हस्तशिल्प, कपड़ा और हथकरघा, खिलौने, चमड़े के उत्पाद, पारंपरिक उपकरण / उपकरण, वस्त्र, रत्न और आभूषण आदि शामिल हो सकते हैं.

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