भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध के दौरान बार-बार इस तरह की खबरें सामने आ रही थी कि तुर्की-चीन और अजरबैजान जैसे देश बैक-चैनल से पाकिस्तान को सपोर्ट कर रहे हैं. आज डायरेक्टर जनरल ऑफ मिलिट्री ऑपरेशन यानी DGMO की प्रेस ब्रीमिंग के दौरान खुले तौर पर राजीव घई ने चीन का नाम लिया. उन्होंने कहा कि चीन द्वारा मुहैया कराए गए मिसाइल का इस्तेमाल पाकिस्तान की आर्मी ने ऑपरेशन सिंदूर के जवाब में भारत के खिलाफ किया. उन्होंने कहा कि चीन के मिसाइल टारगेट को हिट करने से मिस कर गए. इंडियन आर्मी ने इन मिसाइलों को बरामद कर लिया है. डीजीएमओ ने कहा कि भारतीय नौसेना कई सेंसर और इनपुट का उपयोग करके निरंतर निगरानी कर रही है. पाकिस्तान के हथियारबंद ड्रोन को एयर डिफेंस ग्रिड और कंधे से दागे जाने वाले हथियारों से मार गिराया गया.
पाकिस्तान की तरफ से लगातार यह झूठ फैलाया जा रहा था कि उधमपुर एयरबेस पर मौजूद एयर डिफेंस सिस्टम को पाक आर्मी ने ध्वस्त कर दिया है. इस संबंध में कई पुराने फर्जी वीडियो भी वायरल कराए गए, जिनकी पोल चंद मिनटों में खुल गई. इसपर एयर मार्शल एके भारती ने कहा मैं ‘स्पष्ट शब्दों में बताना चाहता हूं सभी मिलिट्री बेस ऑपरेशनल हैं और जरूरत पड़ने पर भविष्य में किसी भी मिशन को पूरा करने के लिए तैयार हैं.’
आतंक के खिलाफ लड़ाई को पाक ने अपना बनाया
उधर, प्रेस कॉन्फ्रेंस में मौजूद डायरेक्टर जनरल ऑफ एयर ऑपरेशन अवधेश भारती ने कहा कि कल हमले डीटेल जानकारी दी थी कैसे हमने हमलों को अंजाम दिया. हमारी लड़ाई आतंकवाद और आतंकवादियों के खिलाफ थी. लिहाजा 7 मई को उनके ठिकानों पर ही अटैक किया गया था. मगर पाकिस्तान की सेना ने आतंकियों का साथ देना ठीक समझा और पाक आर्मी ने आतंकियों के खिलाफ लड़ाई को अपनी लड़ाई बना लिया. वो इस नुकसान के लिए खुद ही जिम्मेदार हैं. DGMO लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई ने एक सवाल के जवाब में कहा कि जम्मू कश्मीर में लंबे समय से आतंकी हमले हो रहे थे. पहलगाम में आतंक के पाप का घड़ा भर गया था. हमने पहले से ही एयर डिफेंस सिस्टम तैयार कर लिए थे. पाकिस्तान की वायुसेना ने हमले की कई कोशिशें कीं, लेकिन सब नाकाम रहे.’