देश की राजधानी दिल्ली में शुक्रवार को दिनभर की गर्मी के बाद शाम को मौसम ने अचानक करवट बदला. तेज हवा के साथ हल्की बारिश ने लोगों को राहत दिलाई. पंजाब और हरियाणा में भी इसका असर देखा गया. उत्तर प्रदेश और राजस्थान में प्रचंड गर्मी ने लोगों की हालत खराब कर दी. उत्तर प्रदेश के बांदा में तो तापमान 46.2 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया. इसके अलावा उत्तर प्रदेश के वाराणसी (45), प्रयागराज (45.4), कानपुर (45.2) और झांसी (45.1) में भी अधिकतम तापमान 45 डिग्री सेल्सियस या उससे ज्यादा रिकॉर्ड किया गया. वहीं, राजस्थान के श्रीगंगानगर में अधिकतम तापमान 45.9 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया. बिहार में भी लू जैसे हालात बने रहे. इन सबके बीच दक्षिण-पश्चिम मानसून को लेकर बड़ी खुशखबरी सामने आई है. बंगाल की खाड़ी में कम दबाव का क्षेत्र बनने की संभावना है, जिससे मानसून की रफ्तार और तेज हो जाएगी. इस वजह से पश्चिम बंगाल, ओडिशा, बिहार, तमिलनाडु, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, केरल जैसे राज्यों में बारिश होने का पूर्वानुमान है.
मौसम विभाग (IMD के अनुसार, असम और मेघालय में अलग-अलग स्थानों पर भारी से बहुत भारी वर्षा की संभावना है. उत्तराखंड में अलग-अलग स्थानों पर गरज के साथ ओलावृष्टि का पूर्वानुमान है. इसके अलावा आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, ओडिशा और तेलंगाना में अलग-अलग स्थानों पर 50-60 किमी प्रति घंटे की गति से हवा चलने की संभावना जताई गई है. असम और मेघालय, छत्तीसगढ़, पूर्वी राजस्थान, हरियाणा, चंडीगढ़ और दिल्ली, कोंकण और गोवा, मध्य महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, मराठवाड़ा, नागालैंड, मणिपुर, मिजोरम और त्रिपुरा, पंजाब, उत्तराखंड और पश्चिम बंगाल और सिक्किम में अलग-अलग स्थानों पर गरज के साथ बिजली चमकने और 40-50 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चलने का पूर्वानुमान है.
मानसून की रफ्तार तेज होने का पूर्वानुमान
दक्षिण-पूर्व बंगाल की खाड़ी में बने साइक्लोनिक सर्कुलेशन के 17 मई 2025 को दक्षिण-मध्य बंगाल की खाड़ी की ओर बढ़ने की संभावना है. उसके बाद यह दक्षिण-पश्चिम बंगाल की खाड़ी की ओर तमिलनाडु तट के पास पहुंचेगा. इस दौरान, दक्षिण-पश्चिम और दक्षिण-मध्य बंगाल की खाड़ी के आसपास कम दबाव का क्षेत्र (Low Pressure Area) बनने की संभावना है. इसके प्रभाव से मानसूनी धारा और आगे बढ़ेगी, जिससे श्रीलंका तक बारिश पहुंचेगी और तमिलनाडु के नज़दीक तक मानसूनी प्रभाव दिखाई देगा. यदि यह कम दबाव का क्षेत्र बनता है, तो यह दक्षिण भारत की ओर तेजी से बढ़ेगा. इसके प्रभाव से तमिलनाडु, केरल के उत्तर-दक्षिण हिस्सों, तटीय और उत्तर कर्नाटक, गोवा, मध्य महाराष्ट्र और कोंकण क्षेत्र में मूसलाधार बारिश हो सकती है. मुंबई और दक्षिणी तटीय गुजरात में प्री-मानसून के तहत गरज-चमक के साथ बारिश की शुरुआत हो सकती है.