केंद्र सरकार कार्डियक अरेस्ट यानी दिल का दौरा पड़ने जैसी गंभीर बीमारी से युवाओं को बचाने के लिए एक मुहिम की शुरुआत करने जा रही है. स्वास्थ्य मंत्रालय बुधवार को एक साथ 10 लाख लोगों को इस संबंध में ट्रेनिंग देने जा रहा है. सुबह साढ़े 9 बजे से लोगों को सीपीआर (Cardio Pulmonary Resuscitation) तकनीक की ट्रेनिंग दी जाएगी. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया स्वयं इस ट्रेनिंग प्रोग्राम में शामिल होंगे.
बताया गया कि इस दौरान नेशनल बोर्ड ऑफ एग्जामिनेशन इन मेडिकल साइंसेज (एनबीईएमएस) द्वारा राष्ट्रव्यापी जन जागरूकता अभियान चलाया जाएगा, जिसमें हार्ट अटैक से बचाने के लिए CPR तकनीक के बारे में प्रशिक्षण दिया जाएगा. एक साथ 10 लाख से ज्यादा लोगों की बुधवार को सीपीआर तकनीक की ट्रेनिंग दी जाएगी. हार्ट अटैक से बढ़ रही मौत की खबरों के बीच लोगों को ट्रेनिंग देने की यह पहल है. CPR तकनीक को कम्युनिटी में ले जाने की कोशिश है.
क्या है सीपीआर तकनीक?
सीपीआर का फुल फॉर्म कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन (CPR) है. यह इमरजेंसी मेडिकल तकनीक है जिसके जरिए किसी व्यक्ति की सांस या दिल के रुक जाने पर उसकी जान बचाने का प्रयास किया जाता है. जब किसी व्यक्ति का दिल धड़कना बंद कर देता है, तो उसे कार्डिएक अरेस्ट या दिल का दौरा पड़ा होता है. इस दौरान, दिल मस्तिष्क और फेफड़ों सहित शरीर के बाकी हिस्सों में खून पम्प नहीं कर पाता. समय पर उपचार नहीं मिलने पर शख्स की मृत्यु हो सकती है.