स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने भारत की लोगों की आय पर रिसर्च किया है. नए अध्ययन से पता चला है कि हाल के वर्षों में लोगों की आय में असमानता कम हुई है और आमदनी बढ़ रही है. रिपोर्ट में बताया गया है कि भारतीय मिडिल क्लास की स्थिति मजबूत हो रही है जिसके वजह से यह संभव हो पाया है.
केन्द्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) डेटा के हवाले से रिपोर्ट में कहा गया है कि इनकम टैक्स का आधार साल दर साल बढ़ रहा है. वहीं, इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करने वालों की संख्या वर्ष 2021-22 के 70 मिलियन यानी सात करोड़ से बढ़कर 2022-23 में 74 मिलियन हो गई है. आंकलन वर्ष 2023-24 के लिए 31 दिसम्बर 2023 तक कुल 82 मिलियन इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल की गई हैं.
एसबीआई (SBI) की रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि 5 लाख रुपये से 10 लाख रुपये के बीच की आय वाले करदाताओं द्वारा दाखिल की गई आईटीआर (ITR) में मूल्यांकन वर्ष (AY) 2013-14 और 2021-22 में 295 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जो कुल आय की उच्च श्रेणी की ओर बढ़ने की ओर सकारात्मक रुझान दर्शाता है. इसी अवधि के दौरान 10 लाख रुपये से 25 लाख रुपये तक की आय वाले लोगों द्वारा दाखिल की गई आईटीआर (ITR) की संख्या भी लगभग तीन गुना (291 प्रतिशत) बढ़ गई है.
गिनी गुणांक- यह आय असमानता के लिए सबसे व्यापक रूप से उपयोग की जाने वाली माप इकाइयों में से एक है. गिनी गुणांक की गणना 0 और 1 के बीच होती है, जहां पूर्ण आय समानता की स्थिति शून्य के गिनी गुणांक से और पूर्ण आय असमानता की स्थिति 1 से दर्शायी जाती है. इस माप का उपयोग करते हुए, एसबीआई रिसर्च ने गणना की है कि आंकलन वर्ष 2014-15 के दौरान गिनी गुणांक 0.472 था, जो कम होकर आकलन वर्ष 2022-23 के लिए 0.402 हो गया है.